धनबाद(DHANBAD) जिला के केंदुआडीह थाना क्षेत्र के अग्नि प्रभवित राजपूत बस्ती में भू धंसान की घटना घटने की खबर सामने आई है. जिसके कारण इलाके में एक बड़ा गोफ बन गया. जिसकी चपेट में महिला आशा देवी आ गई. वो जिंदा जमींदोज़ होने ही वाली थी तभी माँ की चीख पुकार सुन उनके पुत्र आनंद सिंह ने बिना समय गवाएं उन्हें धरती के भीतर जाने से बचा लिया. अपनी मां की जान बचाने के लिए बेटा धधकती गोफ में कूद गया और आख़िरकार जमीदोंज हो रही माँ को बचाने में सफल रहा. स्थानीय लोग भी उनकी आवाज सुनकर घटनास्थल पहुंचे और माँ बेटे को गोफ से बाहर निकाला. जिसके बाद स्थानीय थाना केन्दुआडीह को घटना की सूचना दी गई. सूचना मिलते ही केन्दुआडीह पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर घायल माँ बेटे को इलाज के लिए बीसीसीएल सेंट्रल अस्पताल में भर्ती करवाया.
राजपूत बस्ती के कई जगहों पर बना गोफ़
लगातार बारिश के कारण राजपूत बस्ती के कई जगहों पर छोटी-छोटी गोफ़ बन गए है. कई लोगों के घरों में तो दरार पड़ गई है. बता दें कि पिछले तीन वर्षों में यहां 55 बार भूधंसान की घटना हो चूका है. स्थानीय लोगों के अनुसार राजपूत बस्ती में अक्सर ऐसी घटना होती रहती है. मगर सरकार इस पर कोई पहल नहीं करती है.
खतरनाक क्षेत्रों में एक है राजपूत बस्ती
कुछ दिन पूर्व पीएमओ की टीम भी अग्नि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, मगर राजपूत बस्ती का हाल जानना उचित नहीं समझा. बता दें कि बरसात में मोनिका ताज वाले क्षेत्र में भूत आसान की घटनाएं घटती रहती है. इसके पहले धनबाद के झरिया में एक ही परिवार के पिता और पुत्र की जान जा चूकी है. इसके पहले धनबाद में सुदामडीह थाना क्षेत्र में भी घटना घट चुकी है. ऐसे में जब-जब बारिश होती है तब तक कॉलेज क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जान सांसत में रहती हैं. पता नहीं कब हादसा हो जाए और कब हंसता खेलता जीता जागता परिवार धरती के अंदर समा जाए. कुछ दिन पूर्व ही केंदुआडीह के गंसाडीह में एक युवक जमीदोंज हुआ था, जिसके बाद घायल युवक का इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बीसीसीएल के कई इलाक़े पहले से ही डेंजर घोषित है. जिला प्रशासन ने अपने सर्वे में कुल 595 खतरनाक क्षेत्रों को चिन्हित कर रखा है. इसमें राजपूत बस्ती भी डेंजर सूची में है.
रिपोर्ट:अभिषेक कुमार सिंह,धनबाद चीफ,धनबाद
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