धनबाद (Dhanbad) बोकारो व रांची से जोड़ने वाले नयाबाजार के पास स्थित बैंकमोड़ फ्लाईओवर के भविष्य को लेकर सबकी सांसे अटकी हुई है. हाईटेक मशीनों से जाँच चल रही है. 49 साल पुराना फ्लाईओवर ब्रिज चलने लायक है या नहीं.जानकारी के अनुसार पुल के खम्भों पर 100 टन लोड देकर जांच की गई कि फ्लाईओवर कितना झुकता है.यही झुकाव और सामान्य वापसी पुल का भविष्य तय करेगा.पुल पर आवागमन बंद कर पिछले तीन दिनों से लगातार जाँच चल रही है. पहले दिन कुछ पिल्लरों पर लोड देने से यह दो मिलीमीटर झुका था,लेकिन अगले चरण में लोड बढ़ाने से तीन मिलीमीटर तक झुक गया है.ब्रिज एक्सपर्ट की माने तो अगर झुकाव 80 प्रतिशत तक रिकवर कर जाता है, तो माना जा सकता है कि यह और 20 सालों तक चल सकता है.लेकिन अगर इस अनुपात में रिकवरी नहीं होती है तो पुल को तोड़ कर नए सिरे से तैयार करना ही विकल्प है.भगवान न करें ,ऐसा हो ,अगर ऐसा होता है तो धनबाद के लोग ट्रैफिक समस्या से अभी ही माथा पीट रहे है ,पुल से तीन दिनों की रोक से ही परेशानी बढ़ी हुई है,अगर लम्बे समय तक ट्रैफिक रुक जाए तो क्या होगा कहना मुश्किल है.
4 अक्टूबर की सुबह 7 बजे के बाद इसे आम लोगों के आवागमन के लिए खोला जायेगा
यह पुल बिहार के समय सन 1972 में 49 साल पहले बना था. लेकिन उसके बाद किसी ने इसकी सुध नहीं ली.स्थानीय जनप्रतिनिधि चुनाव जीतते रहे ,बिहार से अलग होकर झारखण्ड राज्य बन गया ,सूबे में कई मुखयमंत्री आये और गए लेकिन बैंकमोड़ ओवर ब्रिज की रिपेयरिंग पर एक पाई तक खर्च नहीं हुआ. बता दें कि पुल की लम्बाई लगभग 812 मीटर है. पुल पर हर दस मिनट पर दो हज़ार से अधिक गाड़िया गुजरती है. बस इतना समझ लीजिये ये पुल धनबाद की लाइफ़ लाइन है. यदि ये चलती रही तो धनबाद के बैंकमोड़ का कारोबार व्यवसाय चलती रहेगी. 4 अक्टूबर की सुबह 7 बजे के बाद इसे आम लोगों के आवागमन के लिए खोला जायेगा. इधर दुर्गापूजा त्योहार की खरीदारी भी शुरू हो गई है. ऐसे में वैकल्पिक रास्ते मुश्किल भरी है. सभी चाहते है बस किसी तरह बैंक मोड़ ओवर ब्रिज सुरक्षित रहें. गया पुल के पास भी एक अतिरिक्त अंडर पास बनने के लिए रेलवे ने इस पर एनओसी भी दे दिया है.फ़िलहाल कोयलांचलवासियों को परिणाम का इन्तजार है.
रिपोर्ट :अभिषेक कुमार (धनबाद )
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Shashi Bhushan Tiwary
3 years agoधनबाद सहित सभी प्रमुख शहरों में फ़्लाई ओवरब्रिज की नितांत आवश्यकता है फिलहाल गया पुल सुरक्षित रहें जिससे आने वाले कुछ वर्षों तक राहत मिल सके।