पटना (PATNA) : भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी किशोर कुणाल ने पुलिस प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप को कभी स्वीकार नहीं किया. पुलिस सेवा को त्याग कर धर्म के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें काफी शोहरत दिलाई. आज उनका निधन हो गया है. उनके निधन पर बिहार में ही नहीं बल्कि अन्य जगहों पर भी शोक की लहर है. धर्मार्थ कार्यों की वजह से ही वह आचार्य किशोर कुणाल कहलाए. उनके निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है.

जानिए किशोर कुणाल के निधन के बारे में

आचार्य किशोर कुणाल का निधन हार्ट अटैक से हो गया है. ताजा जानकारी के अनुसार उनके सीने में दर्द उठा. उसके बाद उन्हें महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. यह अस्पताल उनके प्रयास का ही नतीजा है. पटना स्टेशन के पास स्थित महावीर मंदिर की व्यवस्था आज जो भी है सारा कुछ उन्हीं के प्रयास का प्रतिफल है. महावीर कैंसर हॉस्पिटल भी लाखों मरीजों का इलाज कर रहा है. आचार्य किशोर कुणाल संस्कृत के विद्वान भी थे. उन्होंने पुस्तकें भी लिखी हैं .वे महावीर मंदिर न्यास के सचिव भी थे.

आईपीएस अधिकारी के रूप में उन्होंने बेजोड़ काम किया था

आचार्य किशोर कुणाल धार्मिक व्यस्तता से पहले पुलिस अधिकारी थे भारतीय पुलिस सेवा गुजरात कैडर के हुए अधिकारी थे. उन्होंने बिहार में भी प्रतिनियुक्ति के दौरान पटना एसपी के रूप में बड़ा काम किया. राजनीति और अपराध के गठन जोड़ कर उन्होंने खुलासा किया था.

सरकारी सेवाकाल के दौरान उन्होंने अपराधियों में खौफ पैदा कर दिया था. उनका जन्म 10 अगस्त, 1950 को मुजफ्फरपुर जिले के बरूराज में हुआ था. उन्होंने पटना विश्व विद्यालय से इतिहास और संस्कृत में पढ़ाई की. सरकारी सेवा से उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. उसके बाद में धार्मिक कार्यों में शामिल हो गए. महावीर मंदिर को विकसित करने में उनकी बड़ी भूमिका रही.