धनबाद(DHANBAD): देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया अब कॉरपोरेट लुक में दिखेगी. कोल् इंडिया मैनेजमेंट ने कर्मचारियों के लिए एक और बड़ी राहत की घोषणा की है. लिवर सिरोसिस को गंभीर बीमारी में शामिल कर लिया है.  मूल कंपनी कोला इंडिया एवं अनुषंगी  इकाइयों के कर्मी  अब एक ड्रेस में नजर आएंगे. अधिकारी भी इससे वंचित नहीं रहेंगे.  शुक्रवार को कॉल इंडिया मैनेजमेंट और यूनियन के बीच हुई बैठक में इस पर सहमति बन गई है. थोड़ा बहुत जो पेंच है ,उसे भी सुलझा लिया जाएगा.  ड्रेस कोड लागू करने के लिए एक  समिति बनेगी.  कमेटी ही तय करेगी की ड्रेस का रंग कैसा होगा.  अधिकारियों को भी ड्रेस कोड के दायरे में लाया जाएगा.  ड्रेस का खर्च, वॉशिंग खर्च कंपनी वहन करेगी.  कर्मियों को जूता भी उपलब्ध कराया जाएगा.  ड्रेस कोड का उद्देश्य कोल इंडिया के कॉर्पोरेट लुक  को और मजबूत करना है. 

लिवर सिरोसिस से पीड़ित कोयलाकर्मियों को मिलेगी राहत 
 
इधर, यह भी जानकारी मिली है कि कोल इंडिया मैनेजमेंट  लिवर सिरोसिस से पीड़ित कोयलाकर्मियों को भी अब बिना ड्यूटी आधा वेतन देगी.  इसे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई है.  पीड़ित कर्मी  जब तक फ़ीट घोषित नहीं किए जाएंगे, उन्हें आधा वेतन मिलता रहेगा.   अधिसूचना के मुताबिक जेबीसीसीआई -11 की चौथी मानकीकरण समिति की बैठक में इस पर सहमति बनी थी.  अब लिवर सिरोसिस को क्रिटिकल  श्रेणी की बीमारी में कोल इंडिया ने शामिल कर लिया है.  पहले क्रिटिकल श्रेणी में सात  रोग मसलन हृदय रोग, कैंसर, लेप्रोसी, लकवा, ब्रेन से संबंधित रोग आदि शामिल थे.  आठवें रोग के रूप में लिवर सिरोसिस को शामिल किया गया है.  अधिसूचना के मुताबिक जब तक पीड़ित को मेडिकल बोर्ड फिट घोषित नहीं कर देता, उन्हें आधा वेतन मिलता रहेगा. अभी हाल ही में  कोल इंडिया ने अपने कार्यरत कर्मचारियों एवं रिटायर्ड इंप्लाइज की चिकित्सा को लेकर  बड़ा एवं महत्वपूर्ण फैसला लिया था .  

अभी हाल ही में लिया था एक और फैसला 

इस फैसले के बाद  कार्यरत एवं रिटायर्ड कोल इंडिया एवं उसकी अनुषंगी  इकाई के कर्मचारी नारायणा के  अस्पतालों में हृदय रोग का इलाज करा सकेंगे.  इसके लिए नारायणा  हेल्थ लिमिटेड ग्रुप आफ हॉस्पिटल्स  के साथ कोल इंडिया ने फिर से समझौता किया है.   इस समझौते के बाद नारायणा इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्डियक साइंसेज, बेंगलुरु में वयस्कों -बच्चों के हृदय रोगों का उपचार हो सकेगा.  साथ ही  वह ह्रदय सर्जरी भी करा  सकेंगे.    बता दे कि कोल्  इंडिया और उसकी अनुषंगी  इकाइयों में फिलहाल सवा दो लाख  से अधिक कर्मचारी कार्यरत है.  अनुषंगी  इकाइयों के पास खुद के अस्पताल भी है.  लेकिन कर्मियों और रिटायर्ड कर्मियों की  चिकित्सा सुविधा के लिए कंपनी दूसरे और बड़े अस्पतालों से टाई अप  करती है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो