धनबाद(DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी इकाइयों में अघोषित रूप से मेडिकल अनफिट बंद किए जाने के खिलाफ 28 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना कार्यक्रम प्रस्तावित है. मतलब अब यह आंदोलन का रूप ले लिया है. इस धरने को ओबीसी संगठन ने समर्थन किया है. बैकवर्ड क्लास ओबीसी कोल इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के केंद्रीय महासचिव जय बहादुर सिंह यादव ने कोल इंडिया चेयरमैन को पत्र भी लिखा है. उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है.
आरोप है कि खुद के नियम पर रोक लगाकर कोल इंडिया ने कर्मचारियों के साथ अन्याय करने को ठान लिया है. कहा तो यह भी जाता है कि कोल इंडिया में ऐसी ही कुछ योजनाएं थी, जिनको लेकर लोगों में नौकरी के प्रति रुचि थी. लेकिन कोल इंडिया ने इसे घोषित रूप से तो नहीं, लेकिन अघोषित रूप से बंद कर दिया है.
आंकड़े के मुताबिक 2018 के बाद एक भी व्यक्ति को मेडिकल अनफिट घोषित नहीं किया गया है. ओबीसी संगठन का कहना है कि कोयला उत्पादन में किए गए योगदान को भुलाकर बीमार और अस्वस्थ कर्मचारियों को अब प्रबंधन नुकसान पहुंचा रहा है. यह मामला लोकसभा में भी उठा था. अभी हाल ही में बैठक भी हुई थी, लेकिन मैनेजमेंट इस पर चर्चा करना भी उचित नहीं समझा. इसके बाद अब यह मामला आंदोलन का रूप ले लिया है. देखना है कोल इंडिया मैनेजमेंट बैकफुट पर जाता है या आंदोलनकारी आंदोलन को और तेज करते है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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