धनबाद(DHANBAD) : कोल इंडिया की  अनुषंगी  इकाई ईसीएल  को छोड़कर अन्य सभी कंपनियों में विनिवेश किया जा सकता है.  10 से 25% तक विनिवेश हो सकता है.   यह कोयला उद्योग के लिए एक बड़ी बात हो सकती  है.  बीसीसीएल और सीएमपीडीआईएल  की लिस्टिंग का मामला काफी आगे बढ़ चुका है.  कभी भी इसकी घोषणा हो सकती है.  सूत्र बताते हैं कि इसके बाद अन्य अनुषंगी  कंपनियों की बारी आएगी.  इस संबंध एक शुरुआती प्रस्ताव कोयला मंत्रालय को भेज दिया गया है.  बीसीसीएल  और सीएमपीडीआईएल में विनिवेश की घोषणा के साथ ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 

 सूत्रों के अनुसार सभी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है.  इसी के तहत कोल इंडिया की  अनुषंगी  कंपनियों के विनिवेश से संबंधित प्रस्ताव भेजा गया है.  कोल इंडिया की दो अनुषंगी  इकाई बीसीसीएल और सीएमपीडीआई एल के विनिवेश  की प्रक्रिया तो बहुत पहले से शुरू थी.   काम अंतिम चरण में है. ईसीएल  में विनिवेश इसलिए नहीं होगा कि ईसीएल  अभी  घाटे में है.  घाटा  खत्म होने के बाद ईसीएल  पर विचार हो सकता है.  सरकार जब भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में अपनी हिस्सेदारी बेचती  है, तो सरकार को आमदनी होती है.  

यह  अलग बात है कि विनिवेश से नुकसान भी संभव है.   विनिवेश से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में निजी कंपनियों का हस्तक्षेप बढ़ता है.  आउटसोर्सिंग की प्रथा  बढ़ने लगती है.  रोजगार के अवसर कम हो जाते है.  स्वामित्व में भी कमी आ सकती है.  जो भी हो लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में विनिवेश का मजदूर संगठन विरोध कर रहे है.  लेकिन उनकी आवाज की कही सुनाई नहीं हो रही है. सरकार अपनी राह चल रही है.  वैसे, भी मजदूर संगठनों में अब  पहले जैसी ताकत नहीं रह गई है कि वह अपने किसी भी बात को मनवाने के लिए प्रबंधन पर दबाव बना सके.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो