रांची(RANCHI): झारखंड में सरकारी बाबू पर हमेशा सवाल उठता है. खास कर अंचल और प्रखण्ड कार्यालय में बैठे अधिकारी किस तरह से काम करते है. यह बात किसी से छुपी नहीं है. भ्रष्टाचार के मामले में भी खूब सुर्खियो में रहता है. इसके कई उद्धारण भी देखने को मिले है. लेकिन अब एक इससे भी बड़ा और गंभीर मामला डुमरी प्रखण्ड से सामने आया. पंचायत सचिव ने इस लिए जहर खा लिया कि उसे प्रताड़ित किया जा रहा था. इसका आरोप गाँव के किसी दबंग पर नहीं बल्कि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी पर लगा है.

शुरुआत में मामले को दबाने की कोशिश भी की गई. लेकिन जैसे ही डुमरी विधायक जयराम महतो की इसकी जानकारी मिली और पत्र उनके तक पहुंचा. उसके बाद मोर्चा संभाला. प्रखण्ड कार्यालय के बाहर शव रख कर धरने पर बैठ गए. इसके बाद सभी आरोपियों पर केस दर्ज हुआ. जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया. इन सब के बीच अब वापस से जयराम महतो का एक पुराना बयान वायरल हुआ है.जिसमें वह सदन के अंदर बोल रहे थे की सिस्टम नक्सली बनाता है. जब नक्सली थे तब  BDO-CO की हिम्मत नहीं होती थी.वह किसी से रिश्वत की मांग कर ले. सभी अधिकारी थर-थर कांप रहे थे. लेकिन आज हालत ऐसे है कि खुलेआम जनता का दोहन हो रहा है. इस बयान के वायरल होने की वजह कुछ और नहीं बल्कि डुमरी की घटना है. जिसमें BDO समेत कई कर्मचारी पर गंभीर आरोप लगा है.     

बता दें कि शुक्रवार को दोपहर एक पंचायत सचिव सुखलाल महतो प्रखण्ड कार्यालय पहुंचे. इसके बाद कुछ बात हुई और फिर तुरंत उसी कार्यालय में जहर निकाल कर खा लिया. इसके बाद आनन फानन में उन्हे डुमरी के अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में धनबाद रेफ़र किया और फिर रिम्स जहां उन्होंने अंतिम सांस लिया. सुखलाल की मौत पर गंभीर सवाल खड़ा हुआ. सभी लोगों ने इसकी निंदा की है. साथ ही मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने इस मामले में डीसी को जांच का आदेश भी दिया है.