धनबाद (DHANBAD) : झारखंड को लगभग 700 करोड़ का इंतजार है. यह रकम कोयलाकर्मियों के खाते में आने वाली थी. वैसे, तो कोल इंडिया में बोनस भुगतान की रकम डेढ़ हजार करोड़ से अधिक होती है. लेकिन झारखंड की हिस्सेदारी 700 करोड़ के आसपास बताई जाती है. कोयलाकर्मियों के बोनस भुगतान पर निर्णय नहीं होने की वजह से उहापोह की स्थिति बनी हुई है. पूजा के पहले बोनस का भुगतान होगा अथवा अग्रिम राशि मिलेगी, यह अभी तय नहीं हुआ है. कोयलांचल में कोयलाकर्मियों को बोनस भुगतान नहीं होने से जितना दुख कर्मियों को है, उससे कम परेशान कोयलांचल का बाजार नहीं है. कोयलाकर्मियों के बोनस की उम्मीद में बाजार भारी पूंजी निवेश किए बैठा है. अब एक मुश्त बोनस भुगतान की जगह अग्रिम की बात चल रही है.
ट्रेड यूनियन नेताओं ने कोल् इंडिया चरमान को लिखा पत्र
सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने कोल इंडिया के अध्यक्ष को पत्र लिखकर बोनस के निर्णय नहीं होने की वजह से एक लाख रुपए अग्रिम भुगतान करने की मांग की है. कहा जा रहा है कि कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले के प्रत्याशा में मैनेजमेंट भी अग्रिम भुगतान पर विचार करना शुरू कर दिया है. बोनस का मामला पेंडिंग होने से कोयलाकर्मियों में नाराजगी है. मजदूर संगठन के नेता भी नाराज है. कोयलाकर्मियों को बोनस का भुगतान पूजा के पहले नहीं होता है, तो इसका असर पूजा के बाजार पर भी पड़ेगा. झारखंड में बोनस के मद में लगभग 700 करोड़ रूपया कोयलाकर्मियों के खाते में आता है.
कोयलाकर्मियों को एक लाख तक की उम्मीद
कोल इंडिया की दो सहायक कंपनियां बीसीसीएल और सीसीएल तो पूरी तरह से झारखंड में संचालित है. ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की कई कोलियारिया भी झारखंड में चलती है. सूत्र बता रहे हैं कि कोल इंडिया के 2.25 लाख कोयला श्रमिकों को अग्रिम भुगतान मिल सकता है. श्रमिक संगठनों ने भी दबाव बढ़ा दिया है. कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश पर बैठक पर रोक लगने के बाद अब अग्रिम भुगतान देने की तैयारी शुरू हो गई है. हो सकता है कि एक-दो दिन में इस पर निर्णय हो जाए. कोयलाकर्मियों को उम्मीद है कि 2025 में बोनस रकम एक लाख तक पहुंच सकती है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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