धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के इस घर की रहस्यमयी आग ने घर वालों को मकान छोड़ने को विवश कर दिया. साथ ही जांच अधिकारियों के सामने भी एक बड़ी चुनौती पेश कर दी है. लगभग 6 दिनों में यह पता नहीं लगाया जा सका है कि आग क्यों घर में लग रही है? कैसे कपड़े जलने लग रहे हैं? कैसे जमीन गर्म हो जा रही है? कैसे आग एक जगह लगने के बाद तुरंत दूसरी जगह लग जाती है? घर वाले परेशान है. मोहल्ले वाले परेशान है. जांच करने वाले अधिकारी भी परेशान है. इस बीच घर वालों ने घर के सारे सामान को दुर्गापुर में अपने रिश्तेदार के घर भेज दिया है. खुद घर खाली कर दिए है. अब आपदा प्रबंधन विभाग इसकी जांच करेगा. दरअसल, अंशुमान चौधरी का परिवार पिछले 25 वर्षों से इस मकान में रह रहा है. कभी ऐसी घटना नहीं हुई थी. अचानक 27 फरवरी के बाद आग लगने की घटना शुरू हुई और धीरे-धीरे बढ़ती चली गई. आग क्यों लग रही है, क्या वजह हो सकती है, इसका पता नहीं चल पा रहा है. 

मीथेन गैस के प्रभाव का संदेह, लेकिन नहीं मिल रहा स्रोत 

संदेह किया जा रहा है कि मीथेन गैस के प्रभाव की वजह से ऐसा हो रहा है. लेकिन मीथेन गैस का स्रोत भी किसी को पता नहीं चल पा रहा है. उसकी भी जांच पड़ताल की गई, बिजली के कनेक्शन काट कर रखे गए, फिर भी आग लग जा रही है. आग  केवल घर वालों को ही नहीं डरा रही है, मोहल्ले के लोगों को भी डरा रही है. हीरापुर, मास्टरपाड़ा का यह मकान तो अब कौतुहल का विषय बन गया है. बात थोड़ी विचित्र, इसलिए भी लग रही है कि इस आवास के अगल-बगल कोई कोयले की खदान नहीं है. कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं  दिखता है. घनी आबादी है. आबादी के बीच बने एक दो मंजिला आवास में पिछले कई दिनों से एक ही घर में कहीं ना कहीं आग लग जा रही है. जिस  कपड़े या समान में आग लगती है,अगल-बगल के कपड़े अथवा सामान उसे वक्त सुरक्षित रहते है. घर मालिक की मानें तो पहले जमीन गर्म होती है. उसके बाद आग पकड़ लेती है. एक्सपर्ट की मानें तो जमीन की मिट्टी की  सैंपलिंग करने के बाद ही जांच की जा सकती है कि आखिर जमीन क्यों गर्म होती है और इसका आग से क्या सम्बन्ध है. 

जांच को पहुंचे अधिकारियों के सामने भी आग लग गई थी 
 
कहा तो यह भी जाता है कि रविवार की रात को धनबाद के अग्नि शमन अधिकारी जब जांच को पहुंचे तो उनके सामने में भी कपड़े में अचानक आग लग गई. उन्होंने भी छानबीन की, लेकिन कोई कारण नजर नहीं आया. मकान मालिक ने जिला प्रशासन को आवेदन देकर जांच की मांग की थी. इस घर में अंशुमन चौधरी अपने परिवार के साथ रहते है. बकौल अंशुमन चौधरी 27 फरवरी की सुबह अटैची में आग लग गई थी. घर के लोगों ने मामूली घटना समझा, लेकिन शाम होते-होते फिर आग लग गई. 28 फरवरी को परिवार के लोग घर बंद कर कहीं बाहर गए थे. लौटे तो देखा मैट्रेस जल रहा था. कमरे में धुआं भरा था. पूरा कमरा काला पड़ गया था लेकिन इसके अलावा और कुछ नहीं जला था. इसके बाद कभी कपड़े तो कभी कैलेंडर तो कभी अन्य सामानों में आग लग रही है. मकान मालिक के मुताबिक पहले फर्श गर्म होता है और फिर किसी कोने में कुछ जलने लगता है.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो