टीएनपी डेस्क(TNP DESK):-जिंदगी भला कभी सरपट कहां दौड़ती है, कम हिचकोले खा जाए और मुसीबत आ जाए कोई नहीं जानती. लेकिन, कभी –कभी नसीब भी कड़ी मेहनत के बाद अपना रंग नहीं दिखाती है. झारखंड के गिरिडीह के पांच मजदूर अफ्रीका के नाइजर में काम करने गये थे. वहां उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया. अब इसे बदकिस्मती नहीं कहा जाए तो फिर क्या बोला जाए. 

पिछले साल जनवरी में गये थे काम करने 

पश्चिम अफ्रीका के नाइजर में 15 महीने पहले केपीटीएल ट्रांसमिशन लाइन कंपनी में करने गए थे. तब ही काम करने के दौरान उनका अपहरण कर लिया गया . उग्रवादियों ने मोटरसाइकिल में सभी को बैठा कर ले गयी. गिरिडीह में परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है. सभी ने सरकार से अपने परिजनों की वापसी की गुहार लगायी है. 

अभी उग्रवादियों की कैद में है मजदूर 

जिन मजदूरों का अपहरण किया गया है सभी दोंदलो पंचायत के संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फजीत महतो और मुंडरो गांव के रहने वाले उत्तम महतो शामिल हैं. सभी जनवरी 2024 में नाइजर काम करने गये थे. कंपनी में काम करने वाले अन्य मजदूरों ने बताया कि हमले के दौरान पांचो भारतीय मजदूर ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. अपहरण के तकरीबन एक हफ्ते गुजर जाने के बाद भी उग्रवादियों ने पांचों को नहीं छोड़ा . अभी भी सभी को अपनी कैद में रखे हुए हैं.

सभी एक ही कंपनी में करते थे काम 

बगदोर के पूर्व विधायक विनोद सिंह ने लापाता हुए लोगों के परिजनों से मुलाकात कर उनका हाल चाल जाना है. सभी केपीटीएल कंपनी के अंतर्गत काम करते थे. उनके मुंबई कार्यालय के प्रतिनिधियों से भी बात हुई . साथ ही झारखंड का जो प्रवासी सेल खुला है वहां भी घटना की सूचना दी गई है. मजदूरों का नाम पता दिया गया है उन्होंने झारखंड सरकार और केन्द सरकार के दूतावास के माध्यम से पांचों मजदूरो के वापसी की मांग की है. 
इधर बगोदर एसडीएम नरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि अफ्रीका के देश नाइजर में उग्रवादी हमला हुआ जिसमे पांच लोग गायब है. जिस कंपनी में सभी काम करते थे, वह भी अपने स्तर से तलाश कर रही है. गिरिडीह से जो लोग नाइजर में हैं वो भी अपने स्तर से लापाता मजदूरों की तलाश कर रहें हैं. उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों के कुशल वापसी की कोशिश की जा रही है.