धनबाद(DHANBAD) : झारखंड के आम बजट में संथाल परगना को रिटर्न गिफ्ट मिला है. विशेष ध्यान दिया गया है. संथाल परगना ने अपनी झोली की 18 में से 17 सीट इंडिया ब्लॉक को देकर, जो "ताकत" दी थी, सरकार ने उसे रिटर्न गिफ्ट देकर वापस करने की कोशिश की है. भाजपा प्रभाव वाले क्षेत्र में थोड़ा कम बजट दिया गया है. उत्तरी छोटानागपुर को उदहारण में गिना जा सकता है. वैसे संथाल परगना में कुल 18 विधायक है. झामुमो के पास 11, भाजपा के पास केवल एक , कांग्रेस के चार और राजद के दो विधायक है. बजट में घोषणा के मुताबिक दुमका में टेक्निकल यूनिवर्सिटी, नेतरहाट की तर्ज पर स्कूल, लॉ कॉलेज, जामताड़ा और देवघर में मेडिकल कॉलेज, देवघर में स्कूल आफ बिजनेस एंड मास कम्युनिकेशन सेंटर, साहिबगंज में यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का भरोसा मिला है.
बजट में पलामू प्रमंडल का भी दिखा है प्रभाव
बजट में पलामू प्रमंडल का भी प्रभाव दिखा. वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर पलामू प्रमंडल से ही आते है. वैसे पलामू प्रमंडल में कुल 9 विधायक है. फिलहाल झामुमो के पास एक, भाजपा के चार, कांग्रेस के पास दो और राजद के दो विधायक है. उत्तरी छोटानागपुर की बात की जाए तो विधायकों की संख्या कुल 25 है. झामुमो के पास पांच, भाजपा के पास 12, कांग्रेस के पास तीन और अन्य के पास पांच विधायक है. दक्षिणी छोटानागपुर की बात की जाए तो कुल विधायकों की संख्या 15 है. झामुमो के पास सात, भाजपा के पास दो और कांग्रेस के पास 6 विधायक है. कोल्हान प्रमंडल में कुल 14 विधायक है. झामुमो के पास 10, भाजपा के दो, कांग्रेस के पास एक और जदयू के एक विधायक है.
उत्तरी छोटानागपुर पर नहीं रहा बहुत ध्यान
आंकड़ों पर गौर करने से यह पता चलता है कि उत्तरी छोटानागपुर में नई योजनाएं बहुत हाथ में नहीं ली गई है. यह अलग बात है कि बोकारो में नेतरहाट की तर्ज पर स्कूल खोलना, राजकीय अभियंत्रण की बोकारो में पढ़ाई शुरू करने, धनबाद में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात है. वैसे संथाल परगना झामुमो का गढ़ रहा है. 18 सीटों में से फिलहाल 17 इंडिया ब्लॉक के पास है. मुख्यमंत्री संथाल परगना से ही चुनाव जीतते रहे है. उत्तरी छोटानागपुर भाजपा का इलाका है. उत्तरी छोटानागपुर से भाजपा के 12 विधायक है. वैसे संथाल परगना में इस बार एनडीए को करारी हार मिली है. सिर्फ एक सीट एनडीए के खाते में गई है. 2019 में भी तत्कालीन रघुवर दास की सरकार ने संथाल परगना को टारगेट में लेकर काम शुरू किया था. लेकिन जो प्रयास किए गए, उसके परिणाम नहीं मिले. अन्य कारणों से भी रघुवर दास की सरकार अपदस्त हो गई और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 2019 में गठबंधन की सरकार बानी. यह सरकार 2024 में फिर रिपीट हुई और अभी तो प्रचंड बहुमत के साथ गठबंधन की सरकार है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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