धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के छठ घाटों पर सोमवार शाम और मंगलवार की सुबह सियासी डेरा लगेगा. निगम चुनाव लड़ने वाले इच्छुक लोग घाट पर पहुंचेंगे और छठ पूजा के बहाने जनसंपर्क करेंगे. झारखंड में निकाय चुनाव को लेकर सक्रियता बढ़ गई है. म्मीदवार अपने- अपने ढंग से तैयारी भी शुरू कर दिए है. धनबाद नगर निगम सीट इस बार सामान्य होगा, इस वजह से मेयर पद पर उम्मीदवारों की संख्या बढ़ेगी. इसके अलावे 50 से अधिक धनबाद नगर निगम में वार्ड भी है. मतलब वार्ड सदस्य भी चुनाव लड़ेंगे. यह अलग बात है कि वार्ड सदस्यों को अभी इस बात की चिंता है कि उनका क्षेत्र आरक्षित होगा या फिर क्या निर्णय सरकार लेगी.
पढ़िए-क्यों असमंजस में है वार्ड सदस्य
इसलिए वह असमंजस में है, फिर भी जनसंपर्क अभियान उनका शुरू है. संभावना है कि बिहार चुनाव के बाद झारखंड में निकाय चुनाव की घोषणा हो जाए और ऐसे में फिर राजनीतिक दल आपस में टकराएंगे. यह अलग बात है कि निकाय चुनाव पार्टी स्तर पर नहीं होता है. फिर भी पार्टिया किसी न किसी उम्मीदवार को समर्थन करती है. धनबाद मेयर का सीट पहली बार सामान्य होने जा रहा है. 2006 में धनबाद नगर निगम का गठन हुआ था. 2010 में पहली बार चुनाव हुआ, जिसमें सीट महिला के लिए आरक्षित थी. इंदु देवी यहां से मेयर चुनी गई, फिर 2015 में चुनाव हुआ, जिसमें मेयर का सीट ओबीसी के लिए आरक्षित था.
2015 में शेखर अग्रवाल चुने गए थे धनबाद निगम के मेयर
शेखर अग्रवाल मेयर चुने गए, फिलहाल झारखंड के सभी निकायों का कार्यकाल 5 साल से अधिक बीत चुका है. शहर की सरकार काम नहीं कर रही है, पूरी व्यवस्था अभी सरकार के अधिकारियों के अधीन है. ऐसे में निगम चुनाव की चर्चा मात्र से ही चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवार छठ के घाटों को अपना सियासी डेरा बना कर लोगो से सम्पर्क बढ़ाने की तैयारी में है. विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच भी गुणा-भाग शुरू हो गया है. कौन किसके समर्थन में है, इसकी भी चर्चा होने लगी है. जानकारी के अनुसार भाजपा में नगर निगम चुनाव को लेकर सर्वाधिक चर्चा है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो

Recent Comments