धनबाद(DHANBAD): घूसखोरी कांड के पकड़ में आने के बाद पूर्व मध्य रेलवे में "ट्रांसफर बम" फटा है.  इस "ट्रांसफर बम" से रेलवे में अधिकारियों के बीच हड़कंप  मचा हुआ है.   धनबाद रेल मंडल में ताबड़तोड़ ट्रांसफर का दौर चल रहा है. आगे भी चलेगा.  बता दें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल में विभागीय परीक्षा में घूसखोरी कांड का खुलासा होने के बाद रेलवे भी  सीबीआई के निशाने पर आ गया  है.  सीबीआई ने ही इस कांड का खुलासा किया था.  पूर्व मध्य रेलवे में आज तक की सबसे बड़ी ट्रांसफर -पोस्टिंग शुक्रवार की रात हुई है.  धनबाद से घूसखोरी कांड का  कनेक्शन जुड़ने के बाद धनबाद रेल मंडल भी निशाने पर आया है.  बताया जाता है कि धनबाद रेल मंडल के 18 अधिकारियों को एक झटके में बदल दिया गया है. 

रेल मंडल के सीनियर डीसीएम तक को बदल दिया गया है

 धनबाद रेल मंडल के सीनियर डीसीएम तक को बदल दिया गया है.  मोहम्मद इकबाल को धनबाद रेल मंडल का नया सीनियर डीसीएम बनाया गया है.  बताया जा रहा है कि अगले 36 से 48 घंटे के बीच और कई तबादले हो सकते है.  इसको लेकर रेल अधिकारियों में संशय की स्थिति बनी हुई है. रेलवे में हुए खुलासे के बाद यह साबित हो गया है कि  देश में पेपर लीक का वायरस नौकरी और डिग्री की परीक्षाओं के बाद विभागीय प्रोन्नति की परीक्षा में भी संक्रमण की तरफ फैल गया है.  सीबीआई ने रेलवे की लोको पायलट प्रमोशन परीक्षा में रिश्वत का बड़ा खुलासा किया था . इस मामले में 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. . जिनमें रेलवे के कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल है. रेलवे की इस परीक्षा में 80 परीक्षार्थी शामिल होने वाले थे. परीक्षा के ठीक एक दिन पहले यह सब खुलासा हुआ था . पेपर लीक होने के बाद रेलवे ने परीक्षा को रद्द कर दिया है . 

अधिकारियो के पास से नगदी भी जब्त हुए थे 

सूत्र बताते हैं कि सीबीआई ने छापेमारी के दौरान रेलवे के दो अफसर के पास से 1.7 करोड़ रुपए जब्त किए थे . यह राशि परीक्षा में पेपर लीक का फायदा उठाकर तैयारी कर रहे लोगों से जुटाए गए थे. बता दे कि पकड़े गए सुरजीत सिंह और सुशांत पाराशर ने झारखंड के धनबाद रेल मंडल से ही रेलवे में अपनी पारी की शुरुआत की थी. सूत्रों के अनुसार लोको इंस्पेक्टर के 19 पदों पर प्रमोशन पाने के लिए 4 मार्च को परीक्षा होने वाली थी. सीबीआई को सूचना मिली कि प्रमोशन परीक्षा का पेपर लीक करा कर रेलवे के लोको पायलटों से बड़ी रकम वसूल की गई है. सीनियर डीडीई सुशांत और इंदु प्रकाश को प्रश्न पत्र सेट करने की जिम्मेदारी मिली थी. इस विभागीय परीक्षा में 80 लोको पायलट स्तर के कर्मियों को शामिल होना था. परीक्षा देने वालों से कई लोगों ने मिलकर रुपए वसूले, जिसका भंडाफोड़ सीबीआई ने किया था.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो