धनबाद(DHANBAD):  झरिया के पूर्व भाजपा विधायक और सूर्यदेव बाबू के पुत्र  संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सिंह मेंशन सहित भाजपा समर्थकों में खुशी है.  सुप्रीम कोर्ट से  सिंह मेंशन को बड़ी राहत मिली  है.  लेकिन संजीव सिंह को जमानत सशर्त  मिली है.  शर्त  के मुताबिक  जमानत के बाद वह धनबाद में नहीं रहेंगे.  जब तक ट्रायल कोर्ट नहीं बुलाये , तब तक उन्हें धनबाद नहीं आना है.  संजीव सिंह को 11 अप्रैल 2017 को गिरफ्तार किया गया था.  8 साल से अधिक समय से वह न्यायिक हिरासत में है.  इधर, उन्हें कानूनी प्रक्रियाओ  के तहत जेल से बाहर निकलने में एक-दो दिन का समय लग सकता है.  सिंह मेंशन में जश्न का माहौल है.  संजीव सिंह की माता कुंती सिंह का कहना है कि देवी -देवताओं और झारखंड की जनता का आशीर्वाद है कि उनका बेटा अब जेल से बाहर निकलेगा.  

पत्नी विधायक रागिनी सिंह भी खुश है.  भाई सिद्धार्थ गौतम ने भी कहा है कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया  गया है.  सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.  न्यायालय पर पूरा भरोसा है.  जानकारी के अनुसार संजीव सिंह अभी रांची के रिन पास में इलाज करा  रहे है. बता दे कि  धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर  नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के आरोप में जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह अब खुली हवा में सांस ले सकेंगे. लगभग आठ साल बाद उन्हें जमानत मिली है.  शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सशर्त जमानत मिल गई है.   21 मार्च "2017 को धनबाद के सरायढेला  के स्टील गेट में नीरज सिंह, उनके पीए  अशोक यादव, ड्राइवर घल्टू  महतो और अंगरक्षक मुन्ना तिवारी की हत्या कर दी गई थी.  इस घटना ने कोयलांचल को झकझोर दिया था.  हत्याकांड में गोलियों की बारिश की गई थी.  

 21 मार्च '2017 को नीरज सिंह अपनी गाड़ी से अपने घर लौट रहे थे.  इसी दौरान घात लगाए अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी.  सैकड़ो राउंड फायरिंग की गई.  घटनास्थल पर ही चारों लोगों की मौत हो गई थी.   इस घटना के बाद कोयलांचल में सन्नाटा पसर गया था.  इस घटना में  संजीव सिंह ने  थाने में सरेंडर किया था.  इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था.   घटना में शूटरों  के तार उत्तर प्रदेश से जुड़े.  इसी मामले में अमन सिंह को गिरफ्तार कर पुलिस ले आई थी.  अमन सिंह की हत्या धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को  कर दी गई थी.   धनबाद आने के बाद अमन सिंह गैंगस्टर बन गया था.  नीरज  सिंह की हत्या के बाद 2019 में झरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर उनकी पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह ने चुनाव लड़ी  और संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को पराजित कर दिया. 

 कांग्रेस के टिकट पर वह 2019 में विधायक बनी. विधायक बनने के बाद भी दोनों परिवार में समय-समय पर टकराहट होती रही.   झरिया को लेकर भी आरोप- प्रत्यारोप लगते रहे.  इस बीच सूर्य देव बाबू के भाई पूर्व मंत्री बच्चा सिंह का बीमारी की वजह से निधन  हो गया.  बच्चा बाबू सिंह मेंशन से अलग पहले से ही रह रहे थे.  रामधीर सिंह और सूर्य देव सिंह का परिवार सिंह मेंशन में रह रहा था.  लेकिन बाद में रामधीर सिंह का परिवार भी अलग रहने लगा.  इस बीच  फिर 2024 का चुनाव आया.  इस चुनाव में भी झरिया सीट पर पूर्णिमा नीरज सिंह और रागिनी सिंह के बीच आमने-सामने की  चुनावी टक्कर हुई .  चुनाव के इस रण में इस बार रागिनी सिंह ने बाजी मार ली और पूर्णिमा नीरज सिंह को उन्होंने पराजित कर दिया.  रागिनी सिंह फिलहाल झरिया विधानसभा सीट से भाजपा की विधायक है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो