धनबाद(DHANBAD): क्या कांग्रेस बिहार में 70 सीटों से अधिक पर चुनाव लड़ने की जमीन तैयार कर रही है ?क्या झारखंड में भी कांग्रेस कोटे के मंत्रियो पर काम सही ढंग से करने का दबाव बना रही है ? झारखंड और बिहार में कांग्रेस ने अपने तेवर कड़े कर लिए है.  झारखंड में तो विधानसभा का चुनाव हो चुका है, लेकिन बिहार में चुनाव होने वाले हैं और अभी 5-6 महीने की देरी है.  अभी से ही बिहार में राजनीतिक दलों में जुबानी जंग तेज हो गई है.  हो सकता है कि बिहार में अक्टूबर या  नवंबर में  विधानसभा चुनाव हो.  खास बात यह है कि इस बार कांग्रेस काफी आक्रामक होकर चुनाव की तैयारी कर रही है.  बिहार कांग्रेस के नए प्रभारी कृष्णा अल्लावारु लगातार बिहार में कैंप कर रहे हैं और कार्यकर्ता -नेताओं से संवाद कर रहे है. 

दावा -बिहार में कांग्रेस की A टीम चुनाव लड़ेगी 
 
रविवार को उन्होंने कह दिया कि कांग्रेस की B टीम नहीं ,पार्टी इस बार A टीम बनकर  चुनाव लड़ेगी.  हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे.  फिर यहीं से सवाल उठता है कि क्या इस बार बिहार में कांग्रेस और राजद  का गठबंधन नहीं रहेगा?  अगर बिहार में कांग्रेस A  टीम बनाकर चुनाव लड़ेगी तो फिर क्या राजद  से अधिक सीट पर लड़ेगी?  क्या राजद  2020 के परिणाम  के बाद इस बार कांग्रेस को अधिक सीट देगा.  हालांकि कांग्रेस प्रभारी के इस कथन के तुरंत बाद राजद  की प्रतिक्रिया भी आई.  राजद  के वरिष्ठ नेता विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि लालू यादव और सोनिया गांधी के रिश्ते काफी अच्छे है.  कौन क्या बोलता है, इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.  मतलब  कांग्रेस भले ही A टीम की बात कर रही हो, लेकिन राजद  को भरोसा है कि बिहार में गठबंधन कांग्रेस के साथ रहेगा. 

सीएम नीतीश कुमार भी है कांग्रेस के निशाने पर 

 यह  अलग बात है कि कांग्रेस प्रभारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया.   कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार खटारा  हो गई है.  जनता को पूछना चाहिए की 20 साल में नीतीश कुमार ने क्या किया? बता दे कि  2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में राजद , कांग्रेस के साथ ही अन्य वाम दलों  के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.  राजद  ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था.  वहीं कांग्रेस ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.  इसके अलावा सीपीआई को   6 तो सीपीआईएम  चार सीट दी गई थी.  माले 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था.  बिहार विधानसभा के चुनाव होने में अभी देरी है, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के तेवर तीखे हुए हैं, उससे  लगता है कि कांग्रेस 2025 में 70 नहीं बल्कि उससे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए जमीन तैयार कर  रही है. 

बिहार में गठबंधन टूटेगा ,इसकी संभावना बहुत कम दिख रही 
 
क्योंकि गठबंधन टूट जाएगा, इसकी संभावना बहुत कम दिख रही है.  इधर झारखंड में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के राजू 6 मार्च को 5 दिन के दौरा पर झारखंड आ रहे है.  रांची पहुंचने के बाद वह सड़क मार्ग से पलामू जाएंगे. एक  बजे पलामू, लातेहार, गढ़वा जिला प्रखंड और मंडल अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे.  फिर लातेहार में रात्रि विश्राम करेंगे.  7 मार्च को बोकारो के कांग्रेस कार्यालय में बोकारो, धनबाद, गिरिडीह के जिला प्रखंड और मंडल अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे.  इसके बाद रांची चले जाएंगे.  9 मार्च को गोड्डा जाएंगे.  यहां पाकुड़, साहिबगंज के जिला प्रखंड और मंडल अध्यक्षों के साथ संवाद करेंगे.  मतलब साफ है कि बिहार के साथ-साथ झारखंड में भी कांग्रेस के तेवर कड़े  है.  इसके पहले अपने दौरे में नवनियुक्त कांग्रेस प्रभारी के राजू ने झारखंड के कांग्रेस के लॉप को कड़ी नसीहत दी थी. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो