धनबाद(DHANBAD): चास का  बड़ा  लोहा कारोबारी प्रतीक कलबलिया की गिरफ्तारी से झारखंड और झारखंड से बाहर फैले एक बड़े गैंग के खुलासे की संभावना बढ़ गई है. धनबाद में पहले हुई छापेमारी में मिले कागजात के बाद एक्शन तेज है. चास से गिरफ्तार प्रतीक कलबलिया को तो जेल भेज दिया गया है ,लेकिन गैंग में शामिल लोगो की गिरफ्तारी का खतरा बढ़ गया है. यह गिरोह इतना शातिराना अंदाज से टैक्स चोरी का काम कर रहा था  कि किसी को कोई शंका नहीं हो. 
डायरेक्टरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलिजेंस(डी डी जी आई ) जमशेदपुर की टीम ने 250 करोड रुपए से अधिक के फर्जी जीएसटी बिल का कारोबार करने वाले चास  के लोहा कारोबारी प्रतीक कलबलिया को गिरफ्तार किया है.  प्रदीप कलबलिया पर फर्जी इनवॉइस के जरिए 44 करोड रुपए का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल कर राजस्व को नुकसान पहुंचाने का आरोप है.  मंगलवार को जमशेदपुर की टीम ने चास  स्थित प्रतीक कलबलिया के घर समेत 7 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी.  इस दौरान भारी मात्रा में नगद  और कई दस्तावेज, पेन ड्राइव, फर्जी चालान बुक सहित अन्य कागजात जब्त किये  थे. 

धनबाद से पहले किये गए थे दो गिरफ्तार 
 
बता दे कि  23 जुलाई को डायरेक्टरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने 200 करोड़ के फर्जी इनवॉइस काटने के मामले में धनबाद के हीरापुर निवासी अवनीश जायसवाल और मटकुरिया   निवासी मोहम्मद फैजल खान को गिरफ्तार किया था.  उनके ठिकानों से बरामद किए गए दस्तावेज व फर्जी चालान के आधार पर प्रतीक कलबलिया टीम के निशाने पर आये.  उनके खिलाफ जांच शुरू की गई.  उसके बाद छापेमारी की योजना बनी.  यह झारखंड का एक बहुत बड़ा सिंडिकेट है, जो अन्य राज्यों में भी फैला है.  यह  सिंडिकेट फर्जी कंपनियों के जरिए लोहा, स्टील कारोबार में नकली बिलिंग कर बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग  जैसे मामलों को अंजाम दे रहा है. बताते चलें कि डीजीजीआइ ने 23 जुलाई को 200 करोड़ के फर्जी इन्वॉयस (चालान) काटने के मामले में धनबाद के हीरापुर निवासी अवनीश जायसवाल और मटकुरिया निवासी मो फैजल खान को गिरफ्तार किया था.

यह गिरोह फर्जी कंपनियां बनाकर जीएसटी चोरी को अंजाम दे रहा था 

 मंगलवार को प्रदीप के ठिकाने पर की गयी छापेमारी का इनपुट अवनीश व फैजल के ठिकानों से ही मिला था. दस्तावेजों के आधार पर अवनीश व फैजल को गिरफ्तार कर जमशेदपुर लाया गया और दोनों का बयान दर्ज कराया गया था.यह गिरोह फर्जी कंपनियां बनाकर लोहा-स्टील कारोबार में नकली बिलिंग के जरिए बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दे रहा था.  फर्जी इनवाइस के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाकर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगा रहा था. धनबाद में छापेमारी के बाद से ही प्रदीप की तलाश हो रही थी. लेकिन वह  लेकिन वह लगातार ठिकाने बदलकर बच रहा था.  मंगलवार को उसकी सटीक लोकेशन मिलते ही टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.  अधिकारियों का मानना है कि प्रदीप से पूछताछ के बाद इस नेटवर्क से जुड़े कई और सफेदपोश चेहरों से पर्दा उठ सकता है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो