टीएनपी डेस्क: राज्यभर के गुरुजी इन दिनों काफी गुस्से में हैं. गुस्सा भी कुछ ऐसा कि सरकार को सुधरने की पाठ पढ़ा रहे हैं. आपको बताते चलें कि टीजीटी एवं पीजीटी संवर्ग के पद समाप्त करने संबंधी झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ झारखंड +2 शिक्षक संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
आंदोलन की दी चेतावनी
झारखंड के प्रांतीय अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने टीजीटी एवं पीजीटी संवर्ग के पद समाप्त करने संबंधी राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. इस आलोक में सर्वसम्मति से सरकार के निर्णय को युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात बताया और प्रदेश नेतृत्व के निर्णय के साथ खड़ा रहने की बात कही.
संघ की ओर से कहा गया है कि यह निर्णय नीतिगत नहीं, बल्कि सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों और लाखों बेरोजगार शिक्षित युवाओं के साथ बड़ा मजाक है. इसको लेकर प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में सभी 24 जिलों के अध्यक्ष और सचिव शामिल हुए। सर्वसम्मति से कहा गया कि सरकार का यह फैसला झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने की दिशा में एक कदम है. सभी जिलों में शिक्षक वर्ग आक्रोशित हैं और आंदोलन के लिए तैयार हैं. संघ ने सरकार से इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही तो शिक्षक संघ अन्य संगठनों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेगा.
कहा गया कि सरकार ने पहले युवाओं को नौकरी का वादा किया था, लेकिन अब शिक्षकों के 8900 पद ही समाप्त कर दिए गए. स्कूलों के नामों से शहीदों के नाम हटाकर सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस रखना, योग्य शिक्षकों की बहाली न करना, शिक्षा के साथ छलावा है. बिना प्रधानाध्यापक के स्कूल वर्षों से चल रहे हैं और अब योग्य बीएड प्रशिक्षुओं के लिए भी अवसर खत्म किए जा रहे हैं. नए माध्यमिक आचार्य, संवर्ग में वेतन स्तर घटाकर शिक्षक पद की गरिमा से खिलवाड़ किया गया है. इससे योग्य उम्मीदवार झारखंड में शिक्षक बनने की बजाय अन्य राज्यों की ओर रुख करेंगे, जिसका सीधा नुकसान गरीब विद्यार्थियों को होगा.
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