रांची (RANCHI) - मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीडिया रिपोर्टस को लेकर एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गयी है. मीडिया रिपोर्ट्स में ये बातें चल रही हैं. लेकिन, अब तक इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय तक कोई सूचना नहीं पहुंची है. न तो निर्वाचन आयोग की ओर से न ही राज्यपाल की ओर से. एएनआई ने मुख्यमंत्री के हवाले से यह जानकारी दी है.
मुख्यमंत्री कार्यालय का बयान
मुख्यमंत्री को कई मीडिया रिपोर्टों से अवगत कराया जाता है कि चुनाव आयोग ने माननीय राज्यपाल-झारखंड को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें 'एक विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता की स्पष्ट रूप से सिफारिश की गई है'. इस संबंध में चुनाव आयोग या राज्यपाल से सीएमओ को कोई पत्र नहीं मिला है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि - 'ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के एक सांसद और उनके कठपुतली पत्रकारों सहित भाजपा नेताओं ने स्वयं ईसीआई रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है, जो अन्यथा एक सीलबंद कवर रिपोर्ट है. संवैधानिक प्राधिकरणों और सार्वजनिक एजेंसियों का यह घोर दुरुपयोग और दीनदयाल उपाध्याय मार्ग में भाजपा मुख्यालय द्वारा इस शर्मनाक तरीके से पूर्ण अधिग्रहण भारतीय लोकतंत्र में अनदेखी है.
एजेंसी का दुरूपयोग : मंत्री
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कई मीडिया रिपोर्टों में यह खबर प्रकाशित की जा रही है कि चुनाव आयोग ने सीएम को विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता की सिफारिश’ को लेकर फैसला सुनाया है. हालांकि इस संबंध में चुनाव आयोग या राज्यपाल से सीएमओ को कोई पत्र नहीं मिला है.
सरकार पर कोई संकट नहीं है. हमारे पास पर्याप्त संख्या बल है.
रांची पहुंचे राज्यपाल
इधर राजधानी में राजनीतिक गहमागहमी के बीच राज्यपाल रमेश बैस रांची पहुंच चुके हैं. अब सबकी निगाहें उनकी तरफ लगी है, उनके फैसले का इंतजार सभी कर रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें अभी चुनाव आयोग की रिपोर्ट की जानकारी नहीं है, राजभवन पहुंचने के बाद ही वे कुछ बता पाएंगे.
रिपोर्ट - समीर हुसैन , रांची
Recent Comments