दुमका(DUMKA): झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है लेकिन भाजपा पूरी चुनावी रंग में रंग चुकी है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खराब मौसम के बाबजूद पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को रांची से सड़क मार्ग से जमशेदपुर पहुंच कर जनसभा को संबोधित किया. कोल्हान की धरती से पीएम के दहाड़ने के बाद अब भाजपा की नजर संताल परगना पर है.तभी तो परिवर्तन यात्रा के बहाने केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह 20 सितंबर को साहेबगंज की धरती से गरजेंगे. कार्यक्रम को सफल बनाने में भाजपा जुट गई है.
आंकड़ों से समझिए क्यों संताल परगना को माना जाता है झामुमो का गढ़
संताल परगना प्रमंडल सत्ता का प्रवेश द्वार माना जाता है.प्रमंडल के 6 जिलों में विधानसभा के कुल 18 सीट है, जिसमें 7 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव परिणाम को देखें तो 18 में से 9 सीट झामुमो के खाते में गया, जबकि 5 सीट कांग्रेस और भाजपा को 4 सीट से संतोष करना पड़ा. एसटी के लिए सुरक्षित सभी 7 सीट पर झामुमो ने कब्जा जमाया. लोक सभा 2024 के चुनाव में एसटी के लिए सुरक्षित राजमहल और दुमका सीट पर झामुमो ने परचम लहराया. तभी तो संताल परगना को झमुमो का गढ़ माना जाता है.
झामुमो के गढ़ में जीत का परचम लहराने के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति
सभी राजनीतिक दलों को पता है कि संताल परगना फतह के बगैर राज्य की सत्ता पर काबिज होना मुश्किल है. झामुमो के गढ़ में सेंधमारी के लिए भाजपा हर एक कदम रणनीति के तहत फूंक-फूंक कर रख रही है. लोकसभा चुनाव के पूर्व झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी पुत्रवधू सीता सोरेन को पार्टी में शामिल कराया तो विधानसभा चुनाव के पूर्व बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई. इस सबके पीछे भाजपा की मंशा एसटी सीट पर मजबूत प्रत्याशी उतार कर जीत सुनिश्चित करना है.
आदिवासियों की घटती आबादी और बांग्लादेशी घुसपैठ है भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा
संताल परगना प्रमंडल में आदिवासी की घटती आबादी और डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा विगत लोकसभा चुनाव के समय भाजपा ने जोर शोर से उठाया था. यह मुद्दा विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा है. पीएम नरेंद्र मोदी झारखंड में हर मंच से इस मुद्दे को उठाते रहे हैं. इस मुद्दे का केंद्र बिंदु संताल परगना का पाकुड़ और साहेबगंज जिला है. कोल्हान में पीएम के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह को संताल परगना की धरती पर उतारने की तैयारी है. 20 सितंबर को अमर शहीद सिदो कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह पहुच कर अमित शाह सिदो कान्हू को नमन कर परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करेंगे और साहेबगंज के पुलिस लाइन मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे.
विपक्षी दलों की भी रहेगी गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन पर नजर
अपने संबोधन से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संताल समाज के लोगों को कितना प्रभावित कर पाएंगे यह समय बताएगा, लेकिन केंद्रीय मंत्री के संबोधन पर विपक्षी दलों की भी नजर रहेगी. वजह साफ है जिस डेमोग्राफी चेंज और बांग्लादेशी घुसपैठ को मुद्दा बना कर भाजपा चुनाव मैदान में उतरी है. उसी मुद्दे पर झामुमो और कांग्रेस भी समय समय पर केंद्रीय गृह मंत्री से जबाब मांगते रहे है. कांग्रेस कोटे के मंत्री दीपिका पांडेय सिंह कई बार कह चुकी है कि झारखंड की सीमा बांग्लादेश से सटा नहीं है. इसके बाबजूद अगर घुसपैठ हुआ तो इसका जबाब केंद्रीय गृह मंत्री को देना चाहिए. क्योंकि यह केंद्र सरकार की नाकामी है.
पीएम के जमशेदपुर दौरे के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संताल परगना दौरे को लेकर सूबे की सियासत संताल परगना शिफ्ट करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
रिपोर्ट-पंचम झा
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