धनबाद(DHANBAD):  कतरास के अंबे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड में शुक्रवार को हुए बड़े हादसे के बाद कई सवाल खड़े हो गए है.  कोयला कंपनियों की आउटसोर्स व्यवस्था भी सवालों के घेरे में आ गई है.  सवाल किये  जा रहे हैं कि  क्या इस तरह के हादसों  के लिए कोयला कंपनियां  जिम्मेवार नहीं है ?आउटसोर्सिंग कंपनियां कोल इंडिया की सभी इकाइयों में "मदर कंपनियों" के अंतर्गत ही काम करती है.  आउटसोर्सिंग कंपनियों में सुरक्षा, टेंडर के नियमों का पालन कराना  "मदर कंपनियों" की जिम्मेवारी है.  

कतरास की घटना के बाद अब आगे क्या 

कतरास में शुक्रवार को हुई घटना के बाद यह सवाल बड़ा हो गया है कि क्या बीसीसीएल कम से कम अपने क्षेत्र की आउटसोर्सिंग कंपनियां की सुरक्षा ऑडिट करवाएगी.  और अगर नहीं करवाती  है तो आगे क्या होगा? कोयला आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट में सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा पहले भी था, और आज भी है.  सूत्र बताते हैं कि आउटसोर्स कंपनियां के कर्मियों की सही ट्रेनिंग की कमी हादसों  की बड़ी वजह है.  दरअसल, देखा यह जाता है कि आउटसोर्स कंपनियां अनट्रेंड  कर्मियों को कम वेतन पर रखती है.  सुरक्षा मानकों पर कंपनियां खरी  नहीं उतरती है.  फिलहाल 80% से अधिक बीसीसीएल या अन्य किसी कंपनी  का कोयला उत्पादन आउटसोर्स कंपनियां के भरोसे होता है.  

कमजोर सुरक्षा व्यवस्था पर पहले भी सवाल उठते रहे है

आउटसोर्स कंपनियों में कमजोर सुरक्षा व्यवस्था पर पहले भी सवाल उठते रहे है.  ट्रेड यूनियन नेता भी आवाज उठाते रहे है.  उनका कहना है कि कोयला मजदूरों के शोषण को रोकने के लिए जिस मकसद से कोयला उद्योगों का राष्ट्रीयकरण हुआ था, वह पूरी तरह से विफल दिख रहा है.  एक आंकड़े के मुताबिक कोल इंडिया में कभी 5 लाख से अधिक मजदूर -कर्मचारी थे, जिनकी संख्या आज घटकर सवा दो लाख हो गई है.  इतना तो तय है कि कोल इंडिया में 5 लाख से अधिक मजदूरों की जरूरत है, लेकिन फिलहाल सवा  दो लाख ही कार्यरत है.  मतलब इस गैप  को अप्रशिक्षित कर्मी  पूरा कर रहे है.  आउटसोर्सिंग कंपनियों में सुरक्षा की जवाबदेही  धनबाद में बीसीसीएल की है.  इन सबको देखने के लिए डीजीएमएस भी है.  फिर भी आउटसोर्सिंग कंपनियां मनमर्जी करती है. 

कोयला चोरी कराने  का भी उन पर आरोप  लगते  रहते है
 
कोयला चोरी कराने  का भी उन पर आरोप  लगते  रहते है.  अब जब कतरास में बड़ा हादसा हो गया है, तो सवाल उठता है कि क्या बीसीसीएल अब भी  आउटसोर्सिंग कंपनियों की सुरक्षा ऑडिट करेगी.  कई मौकों पर यह बात भी साफ होती रही है कि बीसीसीएल के अधिकारियों का आउटसोर्स कंपनियों के संचालकों के साथ मधुर संबंध होते है.  इस वजह से भी आउटसोर्सिंग कंपनियों पर "मदर कंपनियों" का दबाव नहीं के बराबर रहता है.  कोयला उत्खनन प्रकृति के खिलाफ काम है.  जमीन की छाती चीरकर  कोयला निकाला जाता है.  ऐसे में सुरक्षा का  खास ध्यान की जरूरत होती है.  देखना है कतरास की घटना के बाद क्या कुछ बदलता है या सब कुछ पुराने ढर्रे  पर ही चलता रहता है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो