लोहरदगा (LOHARDAGA) - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर लोहरदगा जिला की विभिन्न पदों में पदस्थापित महिला पदाधिकारियों ने अपने संघर्ष काल की कहानी बयां की है. इनके अनुभव जहां दूसरों के लिए प्रेरणा और सीख हैं, वहीं कई समस्याओं के समाधान की कुंजी भी. अपने अपने क्षेत्र में मुकाम हासिल कर चुकी महिलाओं ने अन्य महिलाओं से भी हर परिस्थिति में सशक्त रहने की अपील की.
शिक्षा सबसे बड़ा शस्त्र
लोहरदगा के डीडीसी गरिमा सिंह ने कहा कि शादी से पहले पढ़ाई पर जोर देनी चाहिए. शादी तो होगी ही, लेकिन जीवन में शिक्षा बहुत महत्व रखती है. उन्होंने कहा कि उनकी माता ने उन्हें शिक्षित करने के साथ-साथ आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया है. वहीं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि गुमला के एक छोटे गांव से विकट परिस्थितियों के साथ उन्होंने खुद को आगे बढ़ाया. वह जिस पद पर हैं, वह भी उनकी माता की देन है. आज गरिमा सिंह जिला की एक वरीय पदाधिकारी के रूप में कार्यरत है. वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव आरती माला ने कहा कि महिलाओं को किसी भी परिस्थिति में खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए. हमेशा खुद पर विश्वास करके आगे कदम बढ़ाना चाहिए. अंधविश्वास पर नहीं बल्कि खुद पर विश्वास करना चाहिए. अधिवक्ता नफीसा रहमान ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में महिलाओं को अपने आत्मविश्वास से हार नहीं माननी चाहिए.
रिपोर्ट : गौतम लेनिन, लोहरदगा
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