टीएनपी डेस्क(TNP DESK): CDS विपिन रावत की हेलिकाप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी. वे कोयम्बटूर के सुलूर एयर फ़ोर्स बेस से वेलिंगटन जा रहे थे. इसी दौरान उनका एम आई-17 वी 5 हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुनूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे के पांच महीने हो चुके हैं. मगर, बड़ा सवाल है कि अभी तक CDS का पद खाली क्यों है. क्योंकि CDS यानि कि चीफ ऑफ डिफेन्स पद एक बहुत ही जरूरी पद है जो भारत के तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय के लिए बनाया गया था.
कार्यकारी CDS किसी को नहीं बनाया गया
आमतौर पर अगर किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति की मौत होती है तो उसके जगह पर कार्यकारी तौर पर किसी ना किसी को उस पद की जिम्मेदारी तब तक दी जाती है, जब तक कि उस पर फिर से किसी की नियुक्ति ना हो जाए. मगर, CDS के पद पर अभी तक ना ही किसी की नियुक्ति हुई है और ना ही CDS विपिन रावत के शहीद होने के बाद किसी को कार्यकारी CDS बनाया गया. इसका क्या कारण हो सकता है?, क्या भारत सरकार को इस पद के लिए कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिला?
नियुक्ति में देरी के क्या कारण हैं
योग्य उम्मीदवार का ना मिलने को कारण नहीं माना जा सकता. क्योंकि ऐसा कहना कि कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिला, भारत के तीनों सेनाओं में तैनात सेना अधिकारियों का अपमान होगा. हम बार-बार सरकार की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि CDS की नियुक्ति का फैसला भारत सरकार करती है ना कि भारतीय सेना.
तो और क्या कारण हो सकता है? क्या भारत सरकार वर्तमान तीनों सेनाध्यक्षों में से किसी को CDS नहीं बनाना चाहती. ये कारण माना जा सकता है. ये कारण भी तार्किक नहीं है, मगर इस पर विचार किया जा सकता है और विचार भी इसलिए किया जा सकता है क्योंकि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने आर्मी, नेवी और एयरफोर्स सर्विस एक्ट में बदलाव किया है और इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है.
एक्ट में हुआ ये बदलाव
इस नोटिफिकेशन के जरिए में लोकहित में अब लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल या इसके बराबर के रैंक से रिटायर्ड ऑफिसर या फिर सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किया जा सकता है. मगर, वह ऑफिसर नियुक्ति के वक्त 62 साल से ज्यादा उम्र के नहीं होने चाहिए.
मगर, भारत के तीनों सेनाओं के चीफ की बात करें तो ये 62 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं. हालांकि, इस नियम के मुताबिक अगर 62 वर्ष पूरे होने में एक दिन भी बचे हुए हो तब भी वो CDS बन सकते हैं. मगर, इस नियम से तीनों सेनाओं के चीफ जो रिटायर्ड हो चुके हैं वो इस दौड़ से बाहर हो चुके हैं.
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ये हैं CDS बनने की दौड़ में शामिल
वहीं एक्ट में बदलाव के साथ अब तीनों सेनाओं के थ्री स्टार जनरल चाहे वो आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल हो, एयरफोर्स में एयर मार्शल हो या नेवी में वाइस एडमिरल हो ये सभी रिटायर्ड होने के बाद भी CDS बनने की दौड़ में शामिल हो सकते हैं. ये तीनों 60 वर्ष की उम्र में रिटायर्ड होते हैं, ऐसे में इनके पास CDS पद के लिए अप्लाइ करने के लाइ दो साल का समय बचता है.
कई भारतीय रक्षा मामलों के एक्सपर्ट की मानें तो CDS का पद खाली रहना ठीक नहीं है. इसे जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए. अब आर्मी, नेवी और एयरफोर्स सर्विस एक्ट में बदलाव के बाद ये मां जा रहा है कि सरकार जल्द ही नए CDS की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर सकती है.
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