टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश को नई राष्ट्रपति मिल चुकी हैं. द्रौपदी मुर्मू ने देश के 16वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले लिया है. वह देश की दूसरी महिला और देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति भी हैं. एक साधारण से गांव से आनेवाली द्रौपदी मुर्मू की ज़िंदगी काफी संघर्षों से भरी रही है. एक झोंपड़ी से राष्ट्रपति भवन तक का सफर आसान नहीं था. राष्ट्रपति भवन में 340 कमरे, बड़े गार्डन, हॉल और लाइब्रेरी सहित बहुत कुछ है. राष्ट्रपति भवन रायसीना हिल्स पर बना हुआ है. इस आलीशान भवन को ब्रिटिश काल में बनवाया गया था. अब यह शानदार राष्ट्रपति भवन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का निवास स्थान होगा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में देशवासियों की नजर दो चीजों पर ज्यादा टिकी हुई थी. एक राष्ट्रपति भवन पर और दूसरी राष्ट्रपति की शानदार कार पर. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक शानदार से दिखने वाली कार से शपथ ग्रहण समारोह में पहुंची थी. सभी की दिलचस्पी उस कार के बारे में जानने की हुई. तो हम आज बताने वाले हैं कि उनके कार के काफिले में कौन-कौन सी कार है, और उसमें क्या-क्या सुविधाएं हैं.      

कारों की जानकारी होती है गोपनीय
यूं तो राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कारों का मेक, मॉडल और पंजीकरण संख्या गोपनीय रखी जाती हैं. इससे जुड़ी किसी जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता. खुलासा होने से राष्ट्रपति की सुरक्षा खतरे में आ सकती है. इसलिए कभी भी राष्ट्रपति की कार के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती है. मगर, तस्वीरों में कार को देखकर जो जानकारी पता चलती है. हम आज उस बारे में बात करेंगे. राष्ट्रपति की कार में लाइसेंस प्लेट नहीं होती है, बल्कि उसकी जगह राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ होता है.

शुरुआत में होता था कैडिलैक कंट्री का उपयोग

शुरुआती समय की बात करें तो भारत के राष्ट्रपति के आने-जाने के लिए आधिकारिक तौर पर कैडिलैक कंट्री का इस्तेमाल किया जाता था. जब देश में संविधान नहीं बना था. तो 1950 तक राष्ट्रपति की जगह गवर्नर जनरल का पद होता था. उस समय गवर्नर जनरल कनवर्टिबल कैडिलेक कंट्री के काफिले के साथ सफर करते थे. सालों तक कनवर्टिबल कैडिलेक कंट्री कार ही राष्ट्रपति का मुख्य वाहन रहा. इसके बाद हिन्दुस्तान मोटर्स की एंबेसडर ने इसकी जगह ले ली.   

90 के दशक में आई मर्सीडीज

90 के दशक तक राष्ट्रपति के लिए एंबेसडर कार का इस्तेमाल होता था. इसके बाद उदारीकरण का दौर आया. दुनिया भर के बड़े-बड़े ब्रांडस भारत में आने लगे. इनके आने से राष्ट्रपति के लिए भी एक से बढ़कर एक शानदार कार का इस्तेमाल होने लगा. उस समय के राष्ट्रपति शकंर दयाल शर्मा के पास W124 मर्सीडीज S-Class आधिकारिक कार थी.  शकंर दयाल शर्मा देश के पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने एस-क्लास लिमोजीन का प्रयोग शुरू किया था. उनके बाद राष्ट्रपति बने केआर नारायणन और एपीजे कलाम को नेक्स्ट जेनरेशन बुलैटप्रूफ W140 एस-क्लास कार आधिकारिक तौर पर मिली.

मर्सीडीज लिमोजीन कार का होने लगा इस्तेमाल

इसके बाद राष्ट्रपति बनी प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी. इन दोनों के पास भी शानदार कार थी. इनके लिए शानदार मर्सीडीज लिमोजीन कार का इस्तेमाल किया जाता था. प्रतिभा पाटिल पहली महिला राष्ट्रपति थी. इनके कार्यकाल के दौरान W221 मर्सीडीज S500 पुलमैन गार्ड लिमोजीन थी. वहीं बाद में यही कार प्रणब मुखर्जी और उसके बाद रामनाथ कोविंद को मिली.

कार को किया गया अपग्रेड

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के लिए 2021 में कार को अपग्रेड किया गया. साल 2021 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामथान कोविंद अपनी नई लिमोजीन मर्सिडीज मेकैक S600 पुलमैन गार्ड (Mercedes Maybach S600 Pullman Guard) के साथ समारोह में शामिल हुए. इसी कार में अभी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  नजर आई थीं.

ये है कार की खासियत

राष्ट्रपति की ये लिमोजीन Mercedes Maybach S600 Pullman Guard कार की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है. इसके इन्टिरियर और लग्शरी लूकस के अलावा यह सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस कार में बुलेट प्रूफ अलॉय और टायर्स, ऑक्सीजन सप्लाई, ऑटोमैटेड लॉक कंट्रोल और प्रिवेंटिव शील्ड्स के साथ ही पैनिक अलार्म सिस्टम, अटेंशन असिस्ट समेत तमाम सेफ्टी फीचर्स होते हैं. इस कार की सबसे खास बात ये है कि इसमें VR9 लेवल का बैलिस्टिक प्रोटेक्शन है और इसपर पॉइंट44 कैलिबर के हैंडगन शॉट्स, मिलिट्री राइफल शॉट्स, बम और अन्य धमाकों के साथ ही गैस अटैक का कोई असर नहीं होगा. और ऐसे किसी भी हादसे के समय कार के अंदर बैठे लोग सुरक्षित रहेंगे.