धनबाद(DHANBAD):  प्रधनामंत्री हों या मुख्यमंत्री ,कई धनबाद में संचालित मजदूर यूनियन के अध्यक्ष रह चुके है. देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर भी धनबाद कोयलांचल में संचालित मजदूर यूनियन के अध्यक्ष रहे थे. .  यह समय रहा होगा 1977 का.  दरअसल, 1977 में जब सूर्यदेव सिंह राष्ट्रीय कोलियरी  मजदूर संघ से अलग होकर अपना मजदूर संगठन जनता मजदूर संघ बनाया, तो इसके अध्यक्ष चंद्रशेखर को बनाया गया था.  चंद्रशेखर के साथ सूर्यदेव सिंह के मधुर  रिश्ते जग जाहिर थे.  चंद्रशेखर चार साल तक जनता मजदूर संघ के अध्यक्ष रहे.  सूर्यदेव सिंह महामंत्री थे और एके झा संयुक्त महामंत्री रहे. 

पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह भी अध्यक्ष रह चुके थे 

 बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह भी सूर्यदेव सिंह गठित जनता मजदूर संघ के अध्यक्ष रह चुके थे.  1977 में जब जनता मजदूर संघ का गठन हुआ तो संघ के सफल संचालन के लिए संयुक्त महामंत्री एके झा को महामंत्री के लिए अधिकृत कर दिया गया और यह यूनियन चल निकली.  राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ से सूर्यदेव सिंह के अलग होने की कहानी भी रोचक बताई जाती है.  कहा जाता है कि 1977 के आसपास राष्ट्रीय कोलियरी  मजदूर संघ के महामंत्री और पूर्व सांसद रामनारायण शर्मा की कुस्तौर  में सभा हो रही थी.  सभा करने के लिए सूर्यदेव सिंह ने मना किया था.  क्योंकि कुस्तौर  इलाका उनका  गढ़ था.  बावजूद सभा आयोजित हुई, इसके बाद सूर्यदेव सिंह के लोगों ने सभा स्थल पर पहुंचकर शामियाने  की  रस्सी को काट दिया.  नतीजा हुआ कि भगदड़ मच गई और सभा में बिघ्न  पैदा हो गया.  उसके बाद सूर्यदेव सिंह ने जनता मजदूर संघ का गठन किया.

1977 आते -आते सूर्यदेव सिंह आर्थिक रूप से मजबूत हो गए थे 
 
 इस समय तक सूर्यदेव सिंह आर्थिक रूप से मजबूत हो गए थे और उन्हें अलग संगठन चलाने की इच्छा हुई.  फिर तो समर्थकों  की मदद से जनता मजदूर संघ का गठन हुआ और यह यूनियन कोयलांचल के इलाके में अपना दबदबा कायम करने में सफल रही.  यह अलग बात है कि जब सूर्यदेव सिंह का पावर बढ़ा तो राष्ट्रीय कोयलारी मजदूर संघ कमजोर होने लगा.  फिर तो बिंदेश्वरी दुबे बिहार के मुख्यमंत्री बने. वह इंटक के अध्यक्ष हुआ करते थे.  उन्होंने इसका रास्ता खोजा और धनबाद में माफिया उन्मूलन अभियान की शुरुआत हुई.  इसके लिए मदन मोहन झा को विशेष रूप से धनबाद का उपायुक्त बनाकर भेजा गया.  मदन मोहन झा धनबाद में कार्यभार ग्रहण करने के बाद माफिया की एक सूची बनाई.  उस सूची में सूर्यदेव सिंह का नाम सबसे ऊपर था.  

एक साल से अधिक समय तक सूर्यदेव सिंह को लगातार जेल में रहना पड़ा था 

उसके बाद उनके खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को एकत्रित किया गया और सुनवाई  तेज हुई.  यह यही वह दौर था जब  सूर्यदेव सिंह को एक  साल से अधिक समय तक लगातार जेल में रहना पड़ा था. बिंदेश्वरी दुबे के बाद भागवत  झा आज़ाद बिहार के सीएम बने. उन्होंने भी कोयलांचल में माफिया उन्मूलन अभियान जारी रखने का निर्देश दिया.  सूर्यदेव सिंह पहली बार 1977 में ही झरिया से विधायक चुने गए और उसके बाद लगातार चुने जाते रहे.  बिहार के आरा से उन्होंने सांसद  का भी चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव परिणाम आने के पहले ही हार्ट अटैक से  उनकी मौत हो गई. हालांकि चुनाव परिणाम आया तो वह चुनाव हार गए थे.  उनकी मौत होने के बाद उनके भाई बच्चा सिंह जनता मजदूर संघ के महामंत्री बनाए गए.  आज यह जनता मजदूर संघ कई टुकड़ों में बंट  गया है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो