सरायकेला (SARAIKELA ) : हम सभी ने जन्मदिन की पार्टी खूब इंजॉय की है. केक काटने के साथ भरपूर मस्ती भी किया है. लेकिन यह जन्मदिन पार्टियां हमने सिर्फ इंसानों की ही देखी है. क्या कभी आपको किसी जानवर के जन्मदिन पार्टी में जाने का मौका मिला है? अगर नहीं तो हम आपको ले चलते हैं एक हथिनी के जन्मदिन पार्टी में. इस हथिनी का नाम रजनी है. ऐसा नहीं है कि हथिनी रजनी का जन्मदिन पहली बार मनाया जा रहा है. आपको जानकर यह अचरज होगा कि हर साल सरायकेला जिला के चांडिल प्रखंड अंतर्गत दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में मनाया जाता है. जिसमें वन विभाग के लोग आसपास के गांव के लोग बड़ी गर्मजोशी से शिरकत करते हैं और पूरे उत्साह के साथ जन्मदिन की पार्टी को इंजॉय करते हैं.

 स्कूली बच्चों की भी मस्ती

 7 अक्टूबर को रजनी का जन्मदिन मनाया जाता है. आज ही के दिन 12 साल पहले हथिनी रजनी दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में वन विभाग के कर्मियों को मिली थी. जिसके बाद हथिनी रजनी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में ही रह गई,और यहां के लोगों के साथ घुलमिल गई. रजनी के मिलने के बाद उसका जन्मदिन हर साल यहां धूमधाम से मनाया जाता है. आज भी रजनी हथिनी के जन्मदिन को लेकर दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के माकूलाकोचा नाका पर खूब तैयारी की गई. रजनी के 12 वां जन्मदिन में 10 पाउंड का केक काटा गया. इस दौरान वन विभाग के पदाधिकारी, कर्मी तथा आसपास के गांव के बच्चे इकट्ठा हुए तथा जमकर जन्मदिन मनाया और केक खाया.सभी ने तालियां बजाकर हैप्पी बर्थडे रजनी कहा और रजनी के पसंदीदा खाद्य पदार्थों को भी अपने हाथों से खिलाया.  

  किया गया जागरूक

हथिनी के जन्मदिन के साथ-साथ इस मौके पर 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक चल रहे वन्य प्राणी सप्ताह का कार्यक्रम मनाया गया. इस दौरान बच्चों के बीच वन्य जीवों  के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया. इस मौके पर रेंजर दिनेश चंद्र ने स्कूली बच्चों के बीच वन्यजीवों से बचाव एवं उनका संरक्षण और वन सुरक्षा कैसे किया जाए इससे संबंधी प्रसार पुस्तिका का भी वितरण किया. 

पर्यावरण से ही इंसानों का अस्तित्व

 दलमा पश्चिमी रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि इससे लोगों में एक अच्छा संदेश जाता है. जब हम अपने घर के बच्चों का जन्म दिन मना सकते हैं, तो वन्य प्राणी का क्यों नहीं?  उन्होंने कहा कि हमारा अस्तित्व पर्यावरण व वन्य जीवों  के संरक्षण पर ही टिका है. अगर वन्यजीव सुरक्षित नहीं रहेंगे और पर्यावरण संरक्षित नहीं रहेगा तो हमारे जीवन की भी कल्पना नहीं की जा सकती. ऐसे में सभी को पर्यावरण रक्षा करने के साथ वन्यजीवों की भी रक्षा का प्रयास करना चाहिए.


रिपोर्ट : विकास कुमार (सरायकेला )