रांची (RANCHI): राजनीति एक ऐसी शब्द है जिसमें फुलस्टॉप नहीं होता है, हमेशा उसमें कोमा होता है. कोई भी नेता कभी भी अपनी सियासी पारी को आगे ले जाने के लिए किसी भी पार्टी में शामिल हो सकता है. भले ही पूर्व में धुर विरोधी ही क्यों न रहे हो. वक्त के साथ सियासी पारी भी बदलती रहती है. राजनीति में राजनेताओं की निष्ठा और उनकी भूमिका समय-समय पर तय होती है. अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी कुछ ऐसा ही देखने को समय-समय पर मिलता रहता है. यहां भी अपनी राजनीति पारी को आगे ले जाने के लिए नेता वक्त के साथ पाला बदल लेते हैं.
बीजेपी में कब शामिल हुए बाबूलाल
पांच साल पहले 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो उस समय झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भाजपा के खिलाफ थे. उस समय बाबूलाल मरांडी महागठबंधन में शामिल थे और महागठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे थे. ये बात अलग है कि उस समय महागठबंधन के दो ही प्रत्याशी संसद पहुंचने में कामयाब हुए. आपको बता दें कि झारखण्ड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) की स्थापना बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी से बगावत कर 24 सितंबर 2006 को किया था. 2020 में बाबूलाल ने झाविमो का विलय भाजपा में कर दिया. उस समय रांची में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रघुवर दास और अर्जुन मुंडा मौजूद थे. अब बाबूलाल मरांडी झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं.
अर्जुन मुंडा के खेवनहार बने बाबूलाल मरांडी
समय के साथ बाबूलाल मरांडी की भूमिका बदल गयी है. अब वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. साथ ही झारखंड में स्टार प्रचारक के रूप में एनडीए प्रत्याशियों की जीत को सुनिश्चित करने के लिए भीषण गर्मी में खूब पसीना बहा रहे हैं. विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में जाकर जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. अगर हम खूंटी लोकसभा सीट की बात करें तो यह सीट सबसे हॉट बन गयी है. 2019 के चुनाव में अर्जुन मुंडा हारते-हारते बच गये थे. भाजपा के धुर विरोधी रहे बाबूलाल मरांडी 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार कालीचरण मुंडा के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे. कड़े मुकाबले में कालीचरण मुंडा से अर्जुन मुंडा 1445 मतों के अंतर से ही जीत पाये. इसके उलट इस लोकसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी अर्जुन मुंडा की चुनावी नैया के खेवनहार बने हुए हैं और कालीचरण मुंडा के खिलाफ जमकर प्रचार कर रहे हैं. यानि कि अर्जुन मुंडा के सारथी बन बाबूलाल मरांडी लगातार जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं.
बाबूलाल के पहल पर राजा पीटर ने अर्जुन मुंडा को दिया समर्थन
ये बाबूलाल मरांडी की ही राजनीति है, जो कुछ दिन पहले ही राजा पीटर से बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन मुंडा को समर्थन देने का आग्रह किया था. उन्होंने भी समर्थन देने की बात कही है. बताया जाता है कि राज्य के पूर्व मंत्री राजा पीटर की तमाड़ विधानसभा में अच्छी पकड़ है. पिछले चुनाव में तमाड़ और खरसावां ने ही बीजेपी की लाज बचाई थी. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा ने खूंटी, तोरपा, कोलेबिरा और सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ है, जिसके वजह से वे पिछले चुनाव में अच्छी बढ़त बनाकर जीत की दहलीज तक पहुंच गये थे. इस बार खूंटी लोकसभा सीट कई मायनों में अलग है. इस चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ने ही प्रचार में ताकत झोक दी है. देखना होगा कि इस चुनाव में किस गठबंधन के प्रत्याशी संसद पहुंच पाते हैं.
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