टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका ईंधन और अन्य आवश्यक आपूर्ति की भारी कमी का सामना कर रहा है. माना जा रहा है कि पर्यटकों को इस खूबसूरत द्वीप राष्ट्र से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए प्रेरित किया है.
सप्लाई चेन ठप
पर्यटन, श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक है. लेकिन कोविड के बाद एक बड़े कमजोर चरण को देखने जा रहा है. श्रीलंका में पर्यटन अर्थव्यवस्था अभी पुनर्जीवित हो ही रही थी रही थी कि आर्थिक संकट ने इसे फिर से कमजोर कर दिया है. आर्थिक नीतियों के खराब कार्यान्वयन और भारी कर्ज के कारण सरकार के पास कोई विदेशी भंडार नहीं बचा है. श्रीलंकाई सरकार तेल आयात करने के अपने बिलों का भुगतान करने में सक्षम नहीं है और ईंधन संकट ने पूरे देश में सप्लाई चेन को ठप कर दिया है.
रोजाना 10 से 12 घंटे बिजली कटौती
देश में रोजाना 10 से 12 घंटे बिजली कटौती हो रही है, साथ ही आवश्यक वस्तुओं की किल्लत के कारण लोग सरकार के विरोध में सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. देश के कई हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच देश में आपातकाल लगा दिया गया है, कर्फ्यू लगा हुआ है और सोशल मीडिया पर पाबंदियां हैं. अब, राष्ट्र में हो रहे विकास ने भी पर्यटकों को आशंकित कर दिया है और वे वर्तमान परिदृश्य के बारे में चिंतित हैं.
रिपोर्ट : अशु शुक्ला, रांची
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