धनबाद(DHANBAD): बिहार में राजनीतिक दल कई तरह के उलझन से जूझ रहे है. चाहे वह राजद हो, जदयू हो, चिराग पासवान की लोजपा हो अथवा बीजेपी हो. परेशानी सबकी बढ़ी हुई है. चिराग पासवान कभी नीतीश कुमार का विरोध करते हैं, कभी उनके पक्ष में बोलते है. जदयू ने जब सवाल उठाया कि चिराग पासवान की पार्टी का कोई विधायक है ही नहीं ,तो फिर वह सरकार को कैसे समर्थन कर रहे हैं? इसके बाद चिराग पासवान के सुर में भी बदलाव आ गया है. वैसे भी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिलीप जायसवाल को लेकर भाजपा "बैक फुट" पर है. तो लालू प्रसाद के परिवार में कलह का बीजारोपण हो गया है और यह धीरे-धीरे बढ़ रहा है. भाजपा के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी निशाने पर हैं, तो नीतीश कुमार के बेटे को राजनीति में लाने की भी योजना बन रही है. कुल मिलाकर देखा जाए तो सभी पार्टियों में चुनाव के पहले कुछ ना कुछ हो रहा है. राजद में तेज प्रताप यादव के निष्कासन के बाद नई राजनीति शुरू हो गई है. तेज प्रताप यादव अब अपना कदम बढ़ा चुके है.
राजद के चुनावी गणित पर पड़ सकता है असर
ऐसे में राजद के चुनावी गणित पर इसका क्या असर पड़ेगा, राजनीतिक पंडित इसके भी माने - मतलब निकाल रहे है. लालू प्रसाद यादव के दोनों पुत्रों के बीच चल रही खींचतान के बीच अब जादू -टोना की बात भी आ गई है. तेज प्रताप यादव कह रहे हैं कि मुझ पर तो कोई जादू टोना नहीं चलेगा, लेकिन हो सकता है कि तेजस्वी यादव पर किसी ने जादू टोना कर उनकी मति भ्रमित कर दी हो. खैर ,तेज प्रताप यादव के सामने यह सवाल जरूर है कि वह राजनीति को अधिक महत्व देते हैं कि परिवार को. हालांकि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. देखना है अब आगे -आगे होता है क्या? बिहार आरजेडी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है.
बढ़ने लगा है लालू प्रसाद यादव के परिवार का कलह
चुनाव सिर पर है और आरजेडी पारिवारिक कलह से जूझ रहा है. यह लड़ाई चुनाव तक क्या बड़ा आकार लेगी, इसको लेकर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे है. तेज प्रताप यादव ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. यह राजद के लिए परेशानी का कारण बन सकता है. वैसे भी महागठबंधन में टिकट को लेकर अभी खींचतान चल रही है. तेज प्रताप यादव धीरे-धीरे ही सही, लेकिन मुंह खोल रहे है. अभी तक वह तेजस्वी यादव को निशाने पर नहीं लिया था, लेकिन अब तेजस्वी यादव के खिलाफ भी वह बोलना शुरू कर दिए है. अभी हाल ही में मुजफ्फरपुर तेजस्वी यादव ने कहा कि आम लोगों को छोड़िए, खास भी राजद में सुरक्षित नहीं है. जिस पार्टी को उनके पिता ने खून पसीने से सींचा, आज उसमें गरीबों और आम कार्यकर्ताओं के लिए कोई जगह नहीं है. मुजफ्फरपुर में तेज प्रताप यादव ने कहा कि उन्हें पार्टी और परिवार से बेदखल करने के लिए षड्यंत्र किया गया है.
आरोप -तेजस्वी के आसपास बाहरी लोगों का घेरा बन गया है
तेजस्वी के आसपास बाहरी लोगों का घेरा बन गया है. उनका कहना है कि ऐसे लोग मुझे पार्टी और परिवार से बेदखल करने की साजिश रच रहे है. वैसे अपनी गाड़ी का झंडा और टोपी का रंग बदल देने के बाद से ही तेज प्रताप यादव चर्चा में है. अब तो वह कड़े -कड़े शब्द बोलने लगे है. तेज प्रताप यादव ने महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके है. जब उनसे पूछा गया कि तेजस्वी यादव के दो सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है. जिसमें महुआ सीट से भी वह चुनाव लड़ सकते है. जिसके जवाब में तेज प्रताप यादव ने कहा कि अगर तेजस्वी महुआ से लड़ेंगे तो हम भी राघोपुर से लड़ जाएंगे. हालांकि जोड़ा कि जब इस तरह का माहौल बनेगा ,तब इस पर निर्णय लिया जाएगा. राजनीति और परिवार दोनों अलग-अलग है. तेज प्रताप यादव का यह बयान लालू प्रसाद परिवार का टेंशन बढ़ा सकता है.
महुआ सीट से वही जीतेंगे -तेज प्रताप यादव
महुआ सीट से राजद के किसी दूसरे कैंडिडेट के सवाल पर तेज प्रताप ने स्पष्ट किया कि अगर ऐसा हुआ, तो वहां की जनता राजद को हराकर भेजेगी. तेज प्रताप यादव का कहना है कि राजद वालों को लग रहा था कि उनके रूप में पार्टी में दूसरे लालू प्रसाद यादव आ गए है. इसलिए मेरे खिलाफ साजिश रचा गया. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को राजनीति में लाने वाले तो वही है. तेजस्वी तो क्रिकेट खेल रहे थे. हमने ही उन्हें राजनीति में एंट्री कराइ. उन्होंने फिर एक बार यह बात दुहराई कि पार्टी में जयचंद है ,हालांकि तेजस्वी यादव के खिलाफ की बातों को थोड़ा नरम करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को हमारा पूरा सपोर्ट है ,पहले भी था और अभी भी है. लेकिन एक चैलेंज भी है क्योंकि अब हम इधर हैं और वह उधर हैं ,इसलिए कुछ भी हो सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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