टीएनपी डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दायर किये गए चार्जशीट के विरोध में कांग्रेस आज सड़क पर उतर आई है. देशभर में ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेताओं द्वारा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. यह प्रदर्शन सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं रहा. कई राज्यों में कांग्रेस ईडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रही है.

कांग्रेस द्वारा ईडी की इस कार्रवाई को ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ बताया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार ईडी का गलत इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए कर रही है. जिसे लेकर दिल्ली की कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. ईडी ऑफिस के बाहर नेता-कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, पार्टी मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

दूसरी तरफ बिहार की राजधानी पटना में भी कांग्रेस नेता सड़कों पर उतर आए हैं. तमाम कांग्रेस नेता इनकम टैक्स चौराहे से ईडी दफ्तर तक गांधी मैदान जाएंगे और वहां बैठकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि विपक्ष के नेताओं को सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा परेशान किया जा रहा है. जब-जब केंद्र सरकार डरती है तब तब ED और सीबीआई को आगे करती है.

मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ईडी के चार्जशीट के विरोध में प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विरोधियों को दबाने के लिए भाजपा अब बदले की कार्रवाई पर उतर आई है. लेकिन अब हम सभी एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे.

वहीं, राजस्थान में भी कांग्रेस नेताओं द्वारा विरोध जताया जा रहा है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस मामले पर कहा कि, सोनिया गांधी की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. भाजपा ईडी-सीबीआई का दुरूपयोग कर अपने विरोधियों को बदनाम करना चाह रही है.  

इधर, झारखंड की राजधानी रांची में भी ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान केंद्र सरकार पर ईडी का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि, राहुल गांधी और सोनिया गांधी को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.

क्या है पूरा मामला 

बता दें कि, नेशनल हेराल्ड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 15 अप्रैल को कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा व सुमन दुबे के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. दिल्ली की राउज एवेन्‍यू कोर्ट में ईडी ने यह चार्जशीट दायर की है. जिस पर कोर्ट 25 अप्रैल को सुनवाई करने वाली है.

इस मामले में अब तक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडिया की करीब 751.9 करोड़ रुपये कीमत की प्रॉपर्टी को केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा जब्त किया गया है. जिसमें 12 अप्रैल को कार्रवाई करते हुए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को जब्त करने का नोटिस जारी किया था. वहीं, यंग इंडिया से 90.21 करोड़ रुपये की प्रॉपटी को जब्त किया गया है. आरोप लगाया है की करोड़ों की कीमत की उक्त प्रॉपर्टी आपराधिक तरीके से अर्जित की गई आय से खरीदी गई थी.

आपको बता दें कि, साल 2012 में यह मामला सामने आया था. उस दौरान दिल्ली के एक कोर्ट में भाजपा नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. उक्त शिकायत में कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाया गया था कि धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए नेशनल हेराल्ड अखबार को हड़प लिया गया है. भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेताओं ने नेशनल हेराल्ड पर कब्जा करने के लिए यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड बनाया और फिर उसके जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से अधिग्रहण कर लिया गया.

भाजपा नेता के इस शिकायत के बाद साल 2014 में कोर्ट ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा समेत अन्य के खिलाफ समन जारी किया गया. समन जारी होने के बाद 2014 अगस्त में प्रवर्तन निदेशलाय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया. वहीं, दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने साल 2015 में कांग्रेस नेताओं समेत सभी को जमानत दे दी.