दुमका(DUMKA): हाल ही में राज्य सरकार द्वारा झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत हई है. जिसके तहत 21 से 50 वर्ष तक की पात्र महिलाओं के बैंक खाता में डीबीटी के माध्यम से प्रत्येक महीने 1 हजार दिया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रमंडल स्तर पर इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई. जिसके बाद महिलाओं के खाते में 1 हजार आना भी शुरू हो गया है. लेकिन अब इस योजना पर ग्रहण लग सकता है, क्योंकि मामला हाई कोर्ट पहुंच चुका है. दरअसल सिमडेगा निवासी विष्णु साहू ने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की है. जिसमें बताया गया है कि झारखंड में 2 महीने बाद विधानसभा का चुनाव है. चुनाव से पहले सरकार ऐसी योजना जनता को लुभाकर वोट बटोरने के लिए लाई है.
बीजेपी कर रही महिलाओं को अपमान
राजधानी रांची में योजना को लेकर जनहित याचिका दाखिल होने की जानकारी मिलने के बाद उपराजधानी दुमका में महिलाएं सड़कों पर उतर कर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी है.बता दे कि रविवार को हजारों की संख्या में महिलाएं शहर के तीन बाजार चौक पर एकत्रित हुई और जनहित याचिका दाखिल करने के विरोध में एक तरफ जहां भाजपा का पुतला दहन किया वहीं दुसरी ओर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही राज्य सरकार के समर्थन में नारे लगाए गए. हालांकि सबसे बड़ी बात यह रही की महिलाएं अपने आप को दुमका की आम महिला बता रही थी, किसी के भी हाथ में राजनीतिक दल से संबंधित झंडा बैनर या पोस्ट नहीं देखा गया. इनका कहना है कि पीआईएल के पीछे भाजपा का हाथ है. भाजपा ने आधी आबादी को अपमानित करने का कार्य किया है, जबकि हेमंत सोरेन की सरकार महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने के लिए यह योजना लाई है.
हेमंत सोरेन खुद करवा रहे पीआईएल दायर, बीजेपी
वहीं इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है.बता दे कि दुमका में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से जब जनहित याचिका के बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा की सरकार के खिलाफ कौन क्या कर रहा है, इससे भाजपा को कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हेमंत सोरेन खुद पीआईएल दायर करवा रहे हैं और ठीकरा भाजपा पर मढ़ रहे हैं.
जब पीआईएल दाखिल होने पर महिलाएं सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर सकती है, तो सोचने वाली बात यह है कि अगर योजना पर ग्रहण लगा तो महिलाओं का विरोध और मुखर होगा.
रिपोर्ट:पंचम झा

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