टीएनपी डेस्क(TNP DESK): जमशेदपुर में दुर्गा पूजा काफी धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्रि के 9 दिन हर तरफ माता के जगराते और जय जयकार सुनने को मिलते है. वहीं दुर्गा पूजा के दौरान जमशेदपुर में कई प्रसिद्ध दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण किया जाता है जो लोगों में आकर्षण का केंद्र रहता है. हर साल लोगों को इंतजार रहता है कि आखिर किस थीम पर दुर्गा पूजा का पंडाल बनने वाला है. वैसे तो लौहनगरी में सैकडों दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण किया जाता है लेकिन आज हम कुछ ऐसे मशहूर तीन दुर्गा पूजा पंडाल के बारे में बताने वाले है जो लोगों में चर्चा का विषय बना रहता है.

जमशेदपुर में धूमधाम से मनाया जाता है दुर्गा पूजा

कोलकाता में दुर्गा पूजा में काफी धूमधाम से मनाया जाता है जहां दुर्गा पूजा के पंडाल में अलग-अलग थीम बनाई जाती है लेकिन कोलकाता के बाद अगर कहीं पर दुर्गा पूजा काफी मशहूर है तो वह है नगरी जमशेदपुर जहां यहां तीन-चार महीने पहले से ही लोगों में इस बात की चर्चा होती है कि आखिर इस बार के दुर्गा पूजा पंडाल में क्या थीम रखा गया है और मूर्ति में क्या विशेष है.जमशेदपुर में सबसे प्रसिद्ध दुर्गा पूजा पंडाल मलखान सिंह का माना जाता है जो आदित्यपुर में निर्माण किया जाता है. दूसरे नंबर पर काशीडीह और तीसरे नंबर पर सोनारी का दुर्गा पूजा पंडाल आता है.चलिए इस बार जान लेते हैं कि किस पूजा पंडाल की सबसे ज्यादा धूम देखी जा रही है.

मलखान सिंह जमशेदपुर का सबसे प्रसिद्ध पूजा पंडाल है

आपको बताये कि आदित्यपुर का मलखान सिंह पंडाल पंडाल आकार में शहर का सबसे बड़ा माना जाता है और हर साल इसकी भव्यता की वजह से भीड़ उमड़ती है. मलखान सिंह पूजा पंडाल में इस बार कुछ खास पंडाल का निर्माण किया गया है. इस बार यहां सजावट में राजस्थानी शाही पैलेस थीम अपनाई गई है. पंडाल करीब 70-80 फीट ऊँचा होता है. शक्तिशाली लाइटिंग, विशाल प्रवेश द्वार और शाही माहौल इसकी खास पहचान है.

काशीडीह में दिखेगा कृष्ण राधा प्रेम का अद्भुत नजारा

वहीं काशीडीह दुर्गा पूजा पंडाल की बात की जाए तो इस साल जमशेदपुर के लोगों को यहां अदभुत राधा कृष्ण प्रेम की थीम पर सजावत देखने को मिलेगी. जहां कलात्मक रूप से अदभुत कृष्ण राधा के प्रेम के दर्शन मिलेंगे. इसके साथ ही भक्तों को इस साल काशीडीह पूजा पंडाल में राजस्थान की संस्कृति का मिश्रण भी देखने को मिलता है. 55 फीट ऊँचे और 150 फीट चौड़े इस पंडाल के लिए कोलकाता के कुम्हारों द्वारा ख़ास मूर्ति बनाई गई है.

सोनारी में ही हो जायेंगे आपको तिरूपति बालाजी के दर्शन

वहीं सोनारी के वेस्ट दुर्गा पूजा समिति पंडाल की बात करें तो इस साल यहां प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर बनाया है. जिसके निर्माण में लगभग 25 लाख खर्च किए गए हैं. इसकी भव्यता इस बार लोगों को देखने को मिलेगी. पंडाल की ऊँचाई 80 फीट है.मूर्तियाँ कोलकाता के कारीगरों द्वारा बनाई गई हैं. यहां संधि पूजा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और सिंदूर खेला विशेष आकर्षण है.