टीएनपी डेस्क(TNP DESK):दीपावली दीप का त्यौहार है. चारो तरफ जगमगाते दीये, बल्ब की रोशनी और माता लक्ष्मी गणेश की पूजा की तैयारी शुरू हो चुकी है.आज यानी धनतेरस के दिन से दिपावली के पांच दिवसीय उत्सव का आगाज हो चुका है.दीपावली भगवान श्री राम के वनवास से अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनायी जाती है. वही दीपावली के दिन डायन दीया जलाने की भी परंपरा है.अब यह परम्परा कितनी पुरानी है और क्यों दीपावली के दिन दरवाज़े पर डायन दीया जला दिया जाता है चलिए जान लेते है.
दीपावली पर क्यों जलाया जाता है डायन दीया
आमतौर पर दीपावली के दिन सभी लोग दीया जलाते है जिसमे सरसों करंज या फिर घी का दीया जलाया जाता है जो सामान्य बात है.वही दीपावली पर डायन दीया जलाने की भी परंपरा काफी पुरानी है. जिसको दरवाज़े पर जलाया जाता है ऐसी मान्यता है कि इसको जलाने से आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. आपके घर को एक सुरक्षा कवच मिलता है जो बुरी नजरों को दूर रखता है और आप हमेशा खुश रहते है.
जाने इसके पीछे की पौराणिक परंपरा
डायन दीया को घर की चौखट पर जलाया जाता है .ऐसा कहा जाता है कि डायन दीया जलाने से आपके घर से बुरी शक्ति यानी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है वही बुरी नजरों से भी आप बचे रहते है.इस परंपरा के तहत आज भी गांव में लोग दीपावली के दिन डायन दीया जलाते है अब आप सोचते होंगे डायन दीया आखिर होता क्या है चलिए आपको इसके बारे में बता देते है.
क्या होता है डायन दीया
आपको बता दे कि डायन दीया सामान्य दीया से थोड़ा अलग होता है क्योंकि इसमे एक मिट्टी की महिला आकृति का पुतला होता है, जिसमे पांच छोटे-छोटे दीयों को जलाने के लिए स्थान होता है. जो पांच तत्वों यानी पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, और आकाश का प्रतिनिधित्व करते है.दिवाली की रात को इस दीये को घर के मुख्य दरवाजे पर जलाया जाता है.जिससे आपके घर में बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं कर पाती है.
क्यों दिवाली पर घर में नहीं रखना चाहिए अंधेरा
ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन जिस घर में अंधेरा होता है उसके घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर जाती है इसलिए लोग घर के साथ-साथ दरवाजे पर भी डायन दीया जलाते है.ताकि माता लक्ष्मी धन, वैभव और सुख संपदा के साथ आपके घर में प्रवेश कर सकें और आप खुश रहें.
                            
                        
                        
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
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