रांची(RANCHI) : सरना धर्म कोड की मांग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आज जिला मुख्यालय रांची के सामने धरना प्रदर्शन किया है. धरना प्रदर्शन कार्यक्रम मे मुख्य रूप से पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय, केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य, केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय, तमाड़ विधायक विकास सिंह मुंडा, और सिल्ली विधायक अमित महतो शामिल हुए.
मौके पर पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा की सरना धर्म कोड की मांग को राष्ट्रपति तक पहुंचाने के लिए उपायुक्त के माध्यम से हमने ज्ञापन सौंपा है. राज्य के हित में झामुमो लंबे समय से सरना धर्म कोड की मांग करती आ रही है, ऐसे में यह राज्य की भावना है कि सरना धर्म कोड लागू हो, और उस भावना का ख्याल रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने भी बुलाया था, और उस सत्र मे सरना धर्म कोड को विधेयक के रूप मे पेश किया गया. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा चाहती है कि सरना धर्म कोड लागू हो, चाहे किसी भी कीमत पर हो. जिस तरह जनगणना के लिए हमने केंद्र सरकार को मजबूर किया उसी तरह सरना धर्म कोड के लिए भी हम केंद्र सरकार को मजबूर करेंगे. दिल्ली जाकर आंदोलन करना पड़े, तब भी हम दिल्ली जाकर अपनी आवाज को बुलंद करेंगे.
इस अवसर पर पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा की संविधान में लिखा हुआ है कि हम अपने धर्म का प्रचार प्रसार करेंगे और मानेंगे. ऐसे में भाजपा के लोगो को केवल एक सरना धर्म से दिक्कत है. आदिवासियों के हक पर, उनके संपत्ति पर, उनके विचारों पर लगातार हमला हो रहा है उसके खिलाफ ये प्रदर्शन है. आदिवासी इस देश का सबसे पहला मालिक है, और यदि जल जंगल जमीन को बचाना है तो सरना धर्म कोड को पास करना होगा.
झामुमो रांची जिला संयोजक प्रमुख मुस्ताक आलम ने कहा सरना धर्म कोड आदिवासियों की चिर परिचित मांग है. जिस तरह से जनगणना के कॉलम मे हिन्दू है, मुस्लिम है, सिख है, बौद्ध है, पारसी है, जैन है , क्रिश्चन है तो आदिवासी जो आदिकाल से रहने वाले हैं उनका नाम क्यों नहीं है. जिस तरह झारखण्ड अलग राज्य हमलोगों ने लड़कर लिया है उसी तरह सरना धर्म कोड के लिए भी हम आगे आंदोलन करेंगे. आज ये अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है.
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