गोपालगंज (GOPALGANJ) : आइएसओ सर्टिफाइड मॉडल सदर अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाओं का आईना होता है, लेकिन गोपालगंज में सदर अस्पताल में लापरवाही का ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसे देखकर हर कोई अवाक रह गया. यहां एक महिला अपने बीमार बच्चे को गोद में लेकर दो घंटे तक इलाज के लिए भटकती रही. लेकिन किसी डॉक्टर ने बच्चे का इलाज नहीं किया. अंतत मां की गोद में ही मासूम ने दम तोड़ दिया.
यह है मामला
सदर अस्पताल में इस मां की गोद में मासूम बच्चा बीमार है. कलेजे के टुकड़े को डॉक्टर से दिखाने के लिए मां दौड़ लगा रही है. कभी इमरजेंसी वार्ड में जाती है तो कभी शिशु वार्ड में. लेकिन कहीं भी धरती के भगवान कहे जानेवाले डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं. स्वास्थ्य की बदहाल व्यवस्था से लाचार महिला की आंखों के हर आंसू अपने बच्चे की सलामती की दुआ मांग रहे थे. लेकिन कोई भी डॉक्टर नहीं मिला. अंतत मासूम बच्चे ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया. जिसने भी मां की तकलीफ देखी उसका दिल पसीज गया.
अधिकारी मामले में कार्रवाई करने से बचते हैं
दरअसल गोपालगंज सदर अस्पताल अपने कारनामों को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में रहा है और एक बार फिर अस्पताल की लापरवाही के कारण मासूम बच्चे की जान चली गई. वहीं आक्रोशित परिजनों ने नाराजगी जताते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाया है. मृतक बच्चा बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के मीरा टोला गांव निवासी अशरफ अली का पुत्र था. पीड़िता पिता का आरोप है कि अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ इधर से उधर दौड़ाया गया. कभी इमरजेंसी वार्ड कभी एसएनसीयू तो कभी पीकू वार्ड तो कभी आईसीयू. लेकिन कहीं डॉक्टर नहीं तो कहीं इधर उधर जाने की सलाह दी गयी. इलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो गयी. बच्चे की मौत के बाद परिजन आक्रोशित होकर नाराजगी जताते हुए हंगामा भी किये, लेकिन बाद में मामला शांत करा दिया गया. सदर अस्पताल में लापरवाही की यह पहली तस्वीर नहीं है. आए दिन ऐसी तस्वीरें सामने आती रही है, लेकिन जवाबदेह अधिकारी मामले में कार्रवाई करने और कैमरे के सामने आने से बचते रहे हैं. सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने भी इसपर कुछ भी कैमरे पर बोलने से इंकार किया है.
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