धनबाद (DHANBAD) : आग लगने की किसी भी सूचना पर धनबाद "कांप" जाता है. इसके पीछे वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में हुई आगलगी की घटनाओं में बड़ा नुकसान हुआ था. जान -माल की क्षति हुई थी. आशीर्वाद टावर और टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित हाजरा अस्पताल में लगी आग से दर्जनों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. इधर, रांगाटांड़ बाजार में शनिवार को आग लग गई. आग को बुझाने में 10 घंटे से अधिक का वक्त लगा. दमकल विभाग ने किसी तरह जान जोखिम में डालकर आग पर काबू पाया. इस घटना के बाद ,धनबाद में एक बार फिर आगलगी की घटनाओं की चर्चा तेज हो गई है. जहां-जहां फायर फाइटिंग के मजबूत इंतजाम नहीं है, वहां के बारे में भी चर्चाएं हो रही है. लोग झरिया के पटाखा कांड की भी चर्चा कर रहे है.
बहुत ही संकरा बाज़ार होने से बना रहता है खतरा
रांगाटांड़ में बहुत ही सकरा बाज़ार है. यहां 500 से अधिक होलसेल की दुकान है. यहां भी फायर फाइटिंग के इंतजाम नहीं है. इलाके में तंग गलियां है और उन गलियों में होलसेल की दुकाने चलती है. हमेशा बाजार में लाखों के समान पड़े रहते है. दिनभर भारी भीड़ रहती है. दुकानों तक बाइक क्या ,पैदल चलना भी मुश्किल रहता है. बावजूद कुछ को छोड़ दिया जाए तो आग से बचाव के कोई उपाय नहीं है. अंदर जाने की सड़क भी जाम रहती है. दुकानों के आगे सामान रखे होते है. रांगाटांड़ होलसेल मार्केट में मनिहारी, पूजा सामग्री, सौंदर्य प्रसाधन, गिफ्ट आइटम, स्टेशनरी, खिलौने, सजावट के सामान की होलसेल दुकाने है.
बाहर के प्रदेशों से भी खरीदार पहुंचते है रांगाटांड़ मार्केट
यहां सिर्फ झारखंड से ही खरीदार नहीं आते, बल्कि बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल से भी खरीदार पहुंचते है. यह मार्केट बहुत पुराना है. छोटी सी जगह में कारोबार होता है. जरूरत है - एक तो मार्केट जाने के रास्ते को क्लियर रखा जाए और दुकानदार आग से बचाव के उपाय करें अन्यथा किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है. बता दें कि केवल आशीर्वाद टावर और हाजरा अस्पताल अग्निकांड की ही चर्चा नहीं चल रही है, झरिया अग्निकांड की भी चर्चा लोगों की जुबान पर है. बता दे कि 1992 में दीपावली के दिन 25 अक्टूबर को झरिया के सिंदुरिया पट्टी में भीषण पटाखा कांड हो गया था. इस पटाखा कांड में दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, न जाने कितने लोग जख्मी हुए थे.
झरिया की घटना को याद कर आज भी लोगो के रोंगटे खड़े हो जाते है
इस घटना को याद कर आज भी धनबाद -झरिया के लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते है. पटाखा दुकान के भंडार में आग लगने से बाजार में अफरा तफरी मच गई थी. सकरी गली में स्थित सिंदुरिया पट्टी में उस समय सैकड़ो लोगों की भीड़ दीपावली के खरीदारी कर रही थी. दर्जनों लोग पटाखा दुकान में खरीदारी कर रहे थे. तभी एक चिंगारी भड़की और आग ने देखते-देखते पूरे क्षेत्र को चपेट में ले लिया. उस समय झारखंड अलग नहीं हुआ था. धनबाद बिहार में था. बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद थे. घटना इतनी बड़ी और हृदय विदारक थी कि मुख्यमंत्री लालू प्रसाद धनबाद पहुंचे और उन्होंने झरिया का निरीक्षण किया. यह अलग बात है कि प्रभावित परिवारों को नौकरी और मुआवजा की बात हुई थी, लेकिन कितने को मिला या नहीं मिला, इसकी सूचना अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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