रांची (RANCHI): हजारीबाग में वन भूमि की कथित अवैध खरीद-बिक्री और नियमों के खिलाफ म्यूटेशन मामले में फंसी स्निग्धा सिंह को फिलहाल अग्रिम जमानत नहीं मिल सकी है. झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एसीबी को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हुई. एसीबी की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुमित गाड़ोदिया ने पक्ष रखा, जबकि स्निग्धा सिंह की ओर से अधिवक्ता नीलेश अग्रवाल ने दलीलें पेश कीं. अब इस केस की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी.

एसीबी द्वारा दर्ज कांड संख्या 11/2025 में ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह दोनों को आरोपी बनाया गया है. एसीबी के मुताबिक, जिस जमीन को लेकर शिकायत दर्ज की गई है, वह दोनों के नाम पर है.

यह जमीन हजारीबाग के सदर अंचल के थाना नंबर 252 क्षेत्र में स्थित है. इसमें खाता नंबर 95 के प्लॉट नंबर 1055, 1060 और 848 कुल 28 डिसमिल और खाता नंबर 73 के प्लॉट नंबर 812 का 72 डिसमिल रकबा शामिल है. यह पूरी भूमि बभनवे मौजा के हल्का नंबर 11 में आती है. एसीबी का कहना है कि इस जमीन पर विनय सिंह और स्निग्धा सिंह का कब्जा है और वर्तमान में यहां नेक्सजेन का शोरूम चलता है.