पटना(PATNA): बिहार में गठबंधन की नई सरकार बनी. लग रहा था कि सालों बाद मिले चाचा-भतीजे की जोड़ी अब अच्छे से सरकार चलाएंगे. लेकिन जैसे ही मंत्रिमण्डल का विस्तार हुआ और मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ, नीतीश कुमार की मुसीबतें बढ़ने लगीं. ये मुसीबत खुद और किसी ने नहीं बल्कि सरकार के मंत्रियों के कारण ही आई है. दरअसल, नए मंत्रिमण्डल में कई ऐसे मंत्रियों को शामिल किया है, जिनपर कई तरह के आपराधिक मुकदमे और घोटाले का आरोप है. ये आरोप कई मंत्रियों पर लग रहे हैं. इनमें कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह और कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को लेकर ज्यादा विवाद है.

सुधाकर सिंह ने दी सफाई

अपने ऊपर लगातार हो रहे आरोपों के हमले के बाद सुधाकर सिंह ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि कोई घोटाला नहीं है जो आरोप लगा रहे हैं, उस समय उन्हीं की सरकार थी. क्या किया उन्होंने? बीजेपी झूठी पार्टी है. बता दें कि जब सुधाकर सिंह के खिलाफ मुकदमा हुआ था तो उस समय नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री थे. सुधाकर सिंह के खिलाफ न्यायिक दंडाधिकारी की प्रथम अदालत में ये मामला अब भी लंबित है. रामगढ थाने में ही उन पर केस हुआ था. चावल गबन के मामले में सुधाकर सिंह के अलावा 68 और आरोपी हैं, जिन्हें बकाया पैसे जमा करने हैं. लेकिन, लालू यादव के परिवार से उनके पिता की नजदीकी काम कर गई और उन्हें मंत्री पद मिल गया.

कृषि मंत्री सुधाकर सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं. उन पर एसएफसी (SFC) के करोड़ों रुपए के चावल गबन का आरोप है. इसे लेकर 2013 में उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने भी 69 लाख रुपए का चावल SFC में जमा नहीं करवाया था. इसमें विभाग द्वारा 10 लाख 50 हजार की रिकवरी कर ली गई, लेकिन बाकी बचे रुपयों के लिए कानूनी कार्रवाई की जा रही है. जब से सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया है तभी से बीजेपी इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर हो गई है.

कार्तिकेय सिंह पर भी आरोप

सुधाकर सिंह के साथ ही कार्तिकेय सिंह पर भी बीजेपी हमलावर है. दरअसल, कार्तिकेय सिंह को बिहार में कानून की जिम्मेदारी दी गई है. मगर, बीजेपी का आरोप है कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. दरअसल, राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं, जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. अब दूसरी ओर इसको लेकर नई सरकार के खिलाफ बीजेपी आक्रामक हो गई है. बीजेपी की ओर से पहले ही यह कहा जा रहा है कि नई सरकार का मतलब बिहार में जंगलराज है.