पटना(PATNA): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मिशन 2024 शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री बनने की नीतीश कुमार की अपनी महत्वाकांक्षा तो है ही, नीतीश कुमार को पीएम पद का योग्य दावेदार बताकर अब तेजस्वी यादव की महत्वाकांक्षा भी हिलोरें मार रही हैं .इस बीच जदयू ने 3 और 4 सितंबर को पार्टी की प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाई है .

3 और 4 सितंबर को कार्यसमिति की बैठक 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मिशन 2024 के दूसरे चरण का आगाज भी हो चुका है. पहले चरण में नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के तहत ही बीजेपी से गठबंधन तोड़ कर विपक्ष के साथ बिहार में सरकार बना चुके हैं  और अब एक कदम आगे बढ़ते हुए विपक्षी एकता के लिए देश भर में अभियान भी शुरू करने जा रहे हैं. नीतीश कुमार ने पटना में  की फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई है.जिसमें नीतीश कुमार को देश भर में विपक्षी एकता के लिए अधिकृत कर दिया जायेगा. 

अचानक राजद को भी नीतीश कुमार में पीएम मैटेरियल नजर आने लगा है. जदयू यानी नीतीश कुमार तो मिशन 2024 पर हैं ही लेकिन नीतीश के इस मिशन में तेजस्वी यादव का अपना मिशन है. तेजस्वी यादव दिल्ली में सोनिया समेत कुछ नेताओं से पहले ही नीतीश कुमार की पैरोकारी कर चुके हैं. अब एक बार फिर उन्हें विपक्ष का पीएम योग्य दावेदार बताकर अपना मिशन भी जाहिर कर दिया है. यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली कूच करेंगे तभी तो छोटे सरकार यानी तेजस्वी यादव बड़े सरकार बन पाएंगे.

इधर बिहार में सत्ता से बाहर हुई भाजपा भी नीतीश कुमार के इस मिशन 2024 पर कह रही है कि पीएम पद की जब कोई वैकेंसी ही नहीं है तो नीतीश कुमार की दावेदारी भी बेवजह ही है.बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की माने तो 2010 वाला प्रधानमंत्री का कीड़ा फिर नीतीश कुमार को काटने लगा है. बहरहाल बिहार में जो तख्ता पलट हुआ अब यह साफ हो चुका है कि वह भी नीतीश कुमार के मिशन 2024 का ही हिस्सा था. इसके पहले 2013 में भी जब नीतीश कुमार ने बीजेपी से सत्ता पलटी की थी उस वक्त भी देश 2014 आम चुनाव के मुहाने पर खड़ा था और उस वक्त भी नीतीश कुमार की यही महत्वाकांक्षा हिलोरे मार रही थी. लेकिन नतीजा यह हुआ कि 2014 में नीतीश कुमार को मात्र 2 सीटें हासिल हुई और नीतीश कुमार को अपनी बिहार की कुर्सी भी गंवानी पड़ी.