देवघर (DEOGHAR): श्रावणी मेला के दौरान देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु देवघर पहुंते हैं. अधिकांश श्रद्धालु यहां पर बाबा की पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद स्वरूप यहां से पेड़ा, चूड़ी-सिंदूर, खिलौना, पूजा के समान सहित लोहे के बर्तन अवश्य खरीद कर जाते हैं. लेकिन इस सार बढ़ती महंगाई का साफ असर श्रावणी मेला पर दिख रहा है. कोरोना महामरी के कारण दो सालों बाद इस वर्ष मेला लगाया गया है. महंगाई ने लोगों कमर इस कदर तोड़ दी है कि श्रद्धालु मेले से बहुत कम मात्रा में सामानों की खरीदारी कर रहे हैं. इससे मेले में दुकान लगाने वाले विक्रेता को आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ा रहा है.

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घाटे का सौदा

पहले कि बात करें तो व्यापी श्रावणी मेला में करोड़ो रुपये का कारोबार हुआ करता था. इसी वजह से यहां दूर-दूर से व्यापारी आकर दूकान लगाते थे. लेकिन इस बार महंगाई को देखते हुए खरीदारों की उदासीनता के कारण व्यापारियों को घाटे का सौदा करना पर रहा हैं. देवघर सहीत आस-पास के क्षेत्रों की अर्थ व्यवस्था बहुत हद तक इसी मेले पर निर्भर करती हैं. कोरोना के कारण पिछले दो साल के बाद इस बार श्रावणी मेला आयोजित करने का ज़ब सरकार ने फैसला लिया, तब से ही दुकानदारों में काफी ख़ुशी देखी जा रही थी. लेकिन अब मासव्यापी मेला समापन की ओर है, और इस बार महंगाई के कारण यहा के दूकानदार काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं. जो उम्मीद दुकानदार लगाए हुए थे, कहीं न कहीं उनकी उम्मीदों पर कोरोना का असर अभी तक देखा जा सकता हैं. श्रावणी मेला के दौरान देवघर में झारखंड के अलावा अन्य राज्यों से व्यापारी यहां व्यापार करने आते हैं. पूरा मेला क्षेत्र में हज़ारो दुकाने लगती है. ये सभी इसी मेला से साल भर की कमाई करते है. लेकिन इस वर्ष इन लोगों का भी व्यापार मंदा दिख रहा है.

रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा, देवघर