दुमका(DUMKA)शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पत्थर औद्योगिक क्षेत्र के मकड़ा पहाड़ी में जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू अपने  दल बल के साथ पहुंचे और इलाके में अवैध रूप से चल रहे क्रशरों और पत्थर खदानों की जांच की.जांच टीम को देखते ही भगदड़ मच गई और क्रशर तथा खदान के कर्मी भाग खड़े हुए.डीएमओ ने कार्रवाई करते हुए तात्कालिक रूप से 17 दिसंबर तक उक्त क्रेशर को सील कर दिया और नोटिस में 17 दिसंबर तक कार्यालय आकर वैध कागजातों को दिखाने का आदेश जारी किया.वहीं दूसरी तरफ मकड़ा पहाड़ी मे  प्लॉट संख्या 772 रकबा लगभग 118 बीघा गोचर भूमि पर चल रहे अवैध रूप से पत्थर खदानों का निरीक्षण किया. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए डीएमओ ने कहा कि किसी भी हाल में अवैध पत्थर खनन एवं क्रेशर यूनिट को नहीं चलने दिया जाएगा.उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि मकड़ा पहाड़ी के गोचर भूमि पर चल रहे अवैध पत्थर खदानों के संचालकों की पहचान की जा रही है जिस पर कार्रवाई की जाएगी.उन्होंने आगे कहा कि जो भी क्रशर यूनिट अवैध रूप से चलते हुए पाए गए उन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा .

माफिया  फिर से अवैध उत्खनन में लिप्त हो गए

बताते चलें कि मकड़ा पहाड़ी के 118 बीघा गोचर जमीन पर धड़ल्ले से पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है. कुछ दिन पूर्व ही उपायुक्त के आदेश पर गठित जांच टीम ने चार पांच खदानों के कार्यालयों को ध्वस्त कर दिया था ,परंतु समय बीतने के साथ ही माफिया तत्व फिर से अवैध उत्खनन में लिप्त हो गए. वर्तमान स्थिति तो यह है कि अब सिर्फ कागजों में ही 118 बीघा गोचर जमीन दिखती है.जमीन पर तो सिर्फ बड़े-बड़े गड्ढे ही नजर आते हैं. बार-बार गोचर भूमि में चल रहे पत्थर खदानों पर कार्रवाई एवं केस दर्ज होने के बावजूद भी यदि अवैध रूप से पत्थरों का उत्खनन जारी है तो इससे पत्थर माफियाओं की पहुंच एवं ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है. यहां यह बता दें कि शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में पत्थर, बालू एवं कोयला का अवैध उत्खनन एवं परिवहन ओवरलोडिंग गाड़ियों का पासिंग ,जिले में सबसे अधिक शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत ही किया जाता है.

रिपोर्ट :अब्दुल अंसारी (शिकारीपाड़ा )