अगर सुबह की हड़बड़ाहट में नहीं पढ़ पाए हैं न्यूज़पेपर तो एक नजर में पढ़िए खास खबरें. शुक्रवार दिनांक 15 अप्रैल को कोयलांचल के कुछ प्रमुख अखबारों की हेडलाइंस इस प्रकार हैं -

3 माह में सीआईएसएफ की 142 पुलिस की 50 व खनन विभाग की सात कार्रवाई फिर भी नहीं रुक रहा कोयले का काला कारोबार : मर्ज बढ़ता ही गया ज्यों ज्यों दवा की, धनबाद जिले में बदस्तूर जारी कोयला के काले कारोबार के मामले में कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है. काले धंधे का हिसाब किताब प्रतिदिन का करोड़ों में है, जिसे रोकने के लिए प्रत्यक्ष तौर पर बीसीसीएल सीआईएसएफ, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी कार्रवाई करते नजर आते हैं, लेकिन रात गई बात गई कुछ समय बाद ही धंधा फिर शुरू हो जाता है. इससे कई सवाल खड़े होते हैं. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि पिछले 3 महीने यानी जनवरी से मार्च के बीच में सीआईएसएफ ने 142, पुलिस ने 30 और जिला प्रशासन व खनन विभाग ने संयुक्त रूप से 7 जगहों पर छापे मारे. ट्रक  के साथ कोयला भी जप्त हुआ, गिरफ्तारियां भी हुई लेकिन फिर भी धंधे पर कोई असर नहीं हुआ. (प्रभात खबर)

पार्किंग नगर निगम की, रंगदार वसूल रहे शुल्क : धनबाद नगर निगम के 14 सैरातो में से नौ का बंदोबस्ती समय गुजर जाने के बाद भी रंगदार वहां शुल्क की वसूली कर रहे हैं. इस और ना नगर निगम का ध्यान है और ना ही पुलिस प्रशासन का. जनता को भी पता नहीं कि उनसे  अवैध वसूली हो रही है . इसलिए शिकायत नहीं करते.  बंदोबस्ती 31 मार्च को ही समाप्त हो चुकी है.   (प्रभात खबर)

जनता मार्केट के 44 दुकानदार धरना पर बैठे : न्यायालय के आदेश पर पुराना बाजार , दरी मोहल्ला स्थित जनता मार्केट को खाली कराने गुरुवार को पहुंची प्रशासनिक टीम को दुकानदारों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा .लगभग 2 घंटे तक दुकानदारों ने हंगामा किया. मार्केट के सभी 44 दुकानदार व उनके परिजन धरना पर बैठ गए. विरोध के बाद नाजिर व मजिस्ट्रेट ने दुकानदारों को 15 दिनों की मोहलत दी और लौट गए. (प्रभात खबर)

कम खपत करें अन्यथा नहीं कर पाएंगे बिजली की निर्बाध आपूर्ति : दामोदर वैली कारपोरेशन द्वारा बिजली आपूर्ति सामान्य करने के बाद झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के विभिन्न फीडर ओवरलोड की समस्या से जूझ रहे हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए जेबीएनल ने लोगों से बिजली की कम खपत करने की अपील की है .कहा है कि सहयोग नहीं मिला तो निर्बाध बिजली की आपूर्ति नहीं कर पाएंगे. इधर गर्मी में अचानक लोड बढ़ने के कारण लाइन ट्रिप होने, फ्यूज कॉल ,जंपर में खराबी आने सहित अन्य समस्या उत्पन्न होने लगी है. ऐसे में दामोदर वैली कारपोरेशन से सप्लाई के लिए पूरी बिजली मिलने के बाद भी लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. हर 1 घंटे बिजली सप्लाई पर ओवरलोड के कारण लाइन ट्रिप करने का सिलसिला शुरू हो गया है.    (प्रभात खबर)

बिजली के लिए हंगामा, हाईवा फूंका : गर्मी आते ही धनबाद के कोलियरी क्षेत्रों में बिजली पानी का संकट और गहरा गया है. संकट से परेशान लोगों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. पिछले कई दिनों से डीबीसी और बिजली विभाग के कारण जिले भर के लोग रोज घंटों बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. कोलियरी इलाकों में भी स्थिति विकट है .मोहलीडीह पंचायत के ग्रामीणों ने गुरुवार को बिजली पानी के लिए सीजुआ एरिया की निचीतपुर कोलियरी का काम ठप करा कर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. निचीतपुर टाउनशिप से निर्वतमान पंचायत समिति सदस्य व कांग्रेस नेता मोहम्मद इसराइल उर्फ लाला पूर्व मुखिया मोहम्मद आजाद के नेतृत्व में ग्रामीण बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए निचीतपुर कोलियरी कार्यालय पहुंचे, वहां सभी धरना पर बैठ गए. (हिंदुस्तान)

तैराकी सिखाने के दौरान तालाब में डूबने से बीआईटी कर्मी की हुई मौत : सिंदरी एफसीआईएल रोहराबंध स्थित प्रियदर्शनी पार्क के 7 लेक बड़ा तालाब में गुरुवार की दोपहर बीआईटी सिंदरी के कर्मी अनूप कुमार  गोलू नामक बच्चे को तैराकी सिखाने के क्रम में स्वयं डूब गए. इससे उनकी मौत हो गई . पुलिस मौके पर पहुंच शव को पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेज दिया .मृतक सिंदरी के साउथ हॉस्टल में अपने परिवार के साथ रहते थे. वह बीआईटी सिंदरी के इलेक्ट्रिक विभाग में क्लर्क के पद पर काम करते थे. (दैनिक भास्कर)

 मुजफ्फरपुर के शातिर अपराधी जुगनू ने रची थी बबलू सिंह की हत्या की साजिश : रेलवे ठेकेदार बबलू सिंह की हत्या के पीछे मुजफ्फरपुर के अपराधियों का हाथ है. पुलिस अनुसंधान में यह बात सामने आई है. बबलू की हत्या की पृष्ठभूमि वर्ष 2019 में कोला कुसमा में उसके आवास पर हुई फायरिंग से शुरु हो गई थी ,लेकिन हत्या की योजना  अक्टूबर-नवंबर में सिटी सेंटर के एक रेस्टोरेंट में बनी थी. वजह बस एक ही थी कि बबलू लो रेट में टेंडर डालने का काम करता था. इसे टेंडर मैनेज करने वाले मुजफ्फरपुर के जुगनू उर्फ धर्मेंद्र सिंह व हत्याकांड में पकड़ाए मनोज कुमार का दबदबा अन्य ठेकेदारों पर कम होता जा रहा था .दोनों अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिलाने के लिए धमकी और फायरिंग जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे. दबदबा कम होता देख बबलू की हत्या की प्लानिंग रची गई. (दैनिक भास्कर)