जमशेदपुर(JAMSHEDPUR) के  ला ग्रैविटी कैफे औऱ इसके संचालक अविनाश दुग्गर किसी परिचय के मोहताज़ नहीं है.सैकड़ों किस्म की चाय यहां उपलब्ध है और यहां काम करनेवाले मूक बधिर स्टाफ इस जगह की खासियत दर्शाने के लिए काफी हैं. अब इस पहचान में एक औऱ कड़ी जुड़ गई है और वह है 1.6लाख का टी पॉट. आप सोच रहे होंगे कि इसमें ऐसा क्या खास है.  दरअसल आकार में सामान्य टी पॉट से काफी बड़े इस टी पॉट का वजन 250 किलोग्राम  है.ये टी पॉट कंबोडिया में बना है  जिसकी लंबाई 4 फीट और चौड़ाई 3 फीट है. ला ग्रैविटी के संचालक अविनाश दुग्गर ने बताया कि ये टी पॉट कंबोड़िया के पोर्सलेन में बना है. इसे बड़ी मशक्कत से  पहले कोलकाता फिर जमशेदपुर के सीएच एरिया तक खुद गाड़ी चलाकर लाया गया है. 

ला ग्रैविटी के आकर्षण में लग गए चार चांद
अविनाश अपनी ला ग्रैविटी को और भी आकर्षित बनाने के लिए  लिए तमाम जतन करते रहते हैं. ये एक ऐसी जगह है जो पहले से ही काफी अलग और  अनूठी है यहाँ  लोग चाय नाश्ता एक अलग वातावरण में करते हैं. संगीत की मध्यम ध्वनि और आस-पास शांतिमय  माहौल के बीच सुकून देते पल बिताते हैं. ला ग्रैविटी के इंटीरियर में चारों चरफ चाय का माहौल मिलता है और अब ये  विशाल टी पॉट इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहा है 

भारत का सबसे बड़ा टी पॉट
ला ग्रैविटी के संचालक अविनाश दुग्गर का कहना है कि ये टी पॉट भारत का सबसे बड़ा टी पॉट है जिसमें 250 लीटर चाय रखने की क्षमता है. ये अपने आप में एक अनोखी बात है.इसे खास तौर पर लोगों को दिखाने के लिए लाया गया है ताकि लोग यहां आकर एक नया अनुभव लेकर जाएं.

2016 में ला ग्रैविटी की शुरूआत हुई थी

अविनाश दुग्गर ने 2016 में ला ग्रैविटी कैफे की शुरूआत की थी. उससे पहले उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर  इस ओऱ कदम बढ़ाया और आज ये किसी परिचय का मोहताज नहीं.ला ग्रैविटी में 11 स्टाफ्स हैं जिनमें 8 मूक-बधिर हैं.यही इसे बाकी जगहों से अलग बनाता है. यहां का एंबियंस आपको बार बार खींचता है औऱ यहां की खामोशी एक सुकून देती है.यहां 11 देशों खासतौर पर  भारत, चीन, नेपाल, श्रीलंका, वियतनाम, कंबोडिया, केन्या, जापान, अर्जेंटीना, ब्राजील, टर्की की करीब 150किस्म के चायो  के अलावा असम टी, दार्जिलिंग टी, व्हाईट टी, कंपोट टी, सेंचा मच्छा, सिल्वर नीडल जैसे  चाय उपलब्ध है. चाय की केतली, चाय के पुराने कप यहां तक कि अंग्रेजों के जमाने के कप बड़ी मुश्किल से अविनाश ने दुनिया भर से एकत्रित किए हैं.इस जुनून को लेकर उन्हें काफी पैसे खर्च किए  हैं, ला ग्रैविटी की खूबसूरती और अनूठेपन को बरकरार रखने के लिए अविनाश लगातार  प्रयास कर रहे हैं.

 

रिपोर्ट :अन्नी अमृता,जमशेदपुर