गुमल (GUMLA) गुमला जिला के ग्रामीण इलाको में सरकार की ओर से दी जाने वाली सुबिधाओ के तेजी से पहुंचने से ग्रामीणो को कोरोना काल के कारण जो मानसिक परेशानी का माहौल बन रहा था उसमें काफी कमी आयी है लॉक डाउन के कारण अचानक सब कुछ छोड़कर वापस आये लोगो को अब अपने गांव में ही रहकर बेहतर जीवन जीने का माहौल मिल रहा है जिससे ग्रामीणो के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है.
गुमला जैसे आदिवासी बहुल इलाके में जहाँ के लोगो की आर्थिक स्तिथि काफी अच्छी नहीं है कोरोना के कारण काफी खराब होती जा रही थी लेकिन केंद्र व राज्य सरकार की ओर से मिल रही सुविधाओ ने उनके घाव पर मरहम लगाने का काम किया है केंद्र की मोदी सरकार की ओर से दी जा रही आवास आनाज के साथ ही राज्य सरकार की ओर से पानी सहित अन्य सुबिधा गांवो तक पहुचने से लोगों को काफी राहत मिल रही है हम बात कर रहे है पालकोट प्रखंड के सेमरा गांव की जहाँ कुल पचीस परिवार के लोग रहते है सभी लोग मुंडा समाज के है यहाँ के लोगों की आर्थिक स्तिथि काफी खराब थी लोग खेती के साथ ही बाहर जाकर काम कर अपनी जीविका चलाते थे लेकिन कोरोना ने दोनो को बाधित किया जिसके बाद पेट की आग के साथ ही लोगो को टुटे घरो की चिन्ता भी सता रही थी लेकिन केंद्र की मोदी सरकार की ओर से पीएम आवास आनाज और जनधन खाता में पैसा आने से ग्रामीणों को काफी राहत मिली है.
लंबे समय से सामाजिक सेवा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओ की माने तो इन गांवो में रहने वालो की आर्थिक स्तिथि खराब होने के कारण पक्का मकान बनाना तो दूर की बात है ये लोग सपना में भी घर बनाने की बात नहीं सोच सकते थे लेकिन हाल में सरकार की ओर से दी जा रही राशि से इनका पक्का मकान भी बन रहा है सरकार जिस तरह से गरीबों के लिए राशि उपलब्ध करवा रही है उसे ईमानदारी से खर्च किया जाय तो गांव की तस्वीर बदल जाएगी.
गुमला जिला एक ऐसा आदिवासी बहुल पिछड़ा जिला है जहां की अधिकांश आबादी आज भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन जी रही है ऐसे है सरकार द्वारा दी जा रही योजना उनके लिए आज के विपरीत परिस्तिथि में बहुत बड़ा सहारा है.
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