धनबाद(DHANBAD) -  बिजली के तारों में करंट  नहीं, मौत का ख़ौफ़ दौड़ता है. यूं कहिये भ्रष्टाचार दौड़ता है.तारों का मकड़जाल कब किसकी ,कहां जान ले लेगा  ,यह कहना बहुत ही कठिन है. यह एक ऐसा सरकारी विभाग है ,जहा सबकुछ भगवान्  भरोसे चलता है. पोल पर मिस्त्री बिना दस्ताना के चढ़ते है ,जुते की  जगह हवाई चप्पल पहने होते है. छोटी सी गड़बड़ी को ठीक करने के लिए शटडाउन लिया जाता है. प्रत्येक ट्रांसफार्मर में हैंडल वाला स्विच अब पुराने दिनों की बात हो गई है.
 बिजली के हर उपभोक्ता की जुवान पर यही बात है. गुरुवार को बैंकमोड के उर्मिला टावर के पास 11000 के तार गिरने से कुल चार लोग घ्याल हो गए  थे. इस घटना के बाद तो बिजली अधिकारी उपभोक्ताओं के निशाने पर है. 

हादसे में घायल दो व्यक्ति की ईलाज का ख़र्च विभाग करा रही है 

यह तो बैंकमोड इलाके और चपेट में आए लोगों का सौभाग्य है कि तार गिरते के साथ आग लग गई और शार्ट सर्किट से पूरे क्षेत्र की बिजली चली गई. अन्यथा काफी लोग और इलाका चपेट में आ सकता था. हालांकि उर्मिला टॉवर के पास हुई हादसें की जांच के लिए बिजली विभाग के तीन सदस्यीय जांच कमिटी बनाई गई है. धनबाद बिजली कार्यपालक अभियंता शशि भूषण तिवारी ने "द न्यूज़ पोस्ट" को बताया कि 24 घण्टे में रिपोर्ट देने को कहा गया है. वहीं हादसे घायल व्यक्ति की ईलाज का ख़र्च विभाग वहन कर रहीं है. इधर धनबाद विधायक राज सिन्हा ने बैंकमोड़ हादसा को बिजली विभाग की लापरवाही बताया है. कहा कि कहने पर भी जर्जर तार विभाग बदलता नहीं है.

काल बनकर झुल रहे है बिजली के तार

शहर के जिस इलाके में चले जाए, बिजली के झूलते तार जान लेने पर आमदा दिखाई देंगे. जनता इसे  नंगी आंखों से रोज देखती है लेकिन मोटा चश्मा पहने अधिकारियों को यह दिखाई नहीं देता. काफी जर्जर हाल में बिजली के तार झूल रहे है. कई जगहों पर तो सालों साल से तार बदले ही नहीं गए है. एक बात और जो बिजली के जानकर बताते है कि  अभी भी शहर के कई जगहों पर बहुत पहले के कॉपर तार लगे हुए है.या तो चोरो की नजर उनपर नहीं पड़ी या चोर उन्हें काट नहीं पाए. अब विभाग करता यह है कि उन्हीं तारों में एल्युमीनियम के तार को जोड़ देता है. थोड़ी भी बारिश में स्पार्क शुरू हो जाता है और फिर यह तार टूट कर गिर जाते है. कल की घटना भी इसी  वजह से हुई या नहीं ,यह तो जाँच का मामला होगा लेकिन कल अगर लाइन नहीं कटती तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था.

अंडरग्राउंड केबलिंग के काम का हाल

पिछली सरकार में ही इस काम के लिए टेंडर हुआ था. काम भी आवंटित कर दिया गया.शुरू भी हुआ लेकिन उसकी गति बताती है कि हाल फिलहाल में वह पूरा नहीं ही होगा.पता नहीं टेंडर में काम पूरा करने की मियाद है भी या नहीं ,लेकिन जिस रफ़्तार में यह काम हो रहा है ,लगता है कुछ जाने लेकर ही यह काम पूरा होगा.

घरों के उपर से गुजरे है हाई टेंशन तार 

बात यहीं खत्म नहीं होती. पोल  पर तो मकड़ी की जाल की तरह तार लटके हुए है ही ,बहुत सरे घरो के उपर  से भी हाई टेंशन तार गुजर रहे है. बिजली विभाग के पास इसका कोई अकड़ा नहीं है. सबसे चौकाने वाली बात यह है कि  विभाग के पास जो लाइनमैन है ,उनमे कोई रेगुलर नहीं है. सभी के सभी डेली वेजेज पर काम करने वाले है...धनबाद के बैंकमोड़ बिजली हादसें की हक़ीक़त को बयां करता ग्राउंड जीरो से देखिये हमारे ब्यूरों हेड अभिषेक कुमार सिंह की रिपोर्ट.


रिपोर्ट :अभिषेक कुमार (धनबाद ब्यूरो हेड )