सरायकेला(SARAIKELA): सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल में सोमवार की शाम स्वर्णरेखा नदी के शहरबेड़ा छठ घाट पर हुई दर्दनाक दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया.संध्या अर्घ्य के दौरान एक नाबालिग सहित तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई. हादसा दुखद जरूर है, परंतु यह भी स्पष्ट है कि जिला प्रशासन ने पहले से ही एहतियाती कदम उठाए थे. इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा चेतावनी की अनदेखी ने इस अनहोनी को जन्म दिया.

लोगों के लापरवाही से हुआ हादसा

जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन ने छठ पर्व को लेकर पहले से ही विशेष तैयारी की थी. उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक मुकेश लुनायत ने जिले के सभी घाटों का निरीक्षण किया था. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर ‘डेंजर जोन’ के बोर्ड लगाए गए थे, साथ ही लगातार माइकिंग कर लोगों से अपील की गई थी कि वे गहरे पानी में न उतरें. सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिस बल, गोताखोर और स्वास्थ्य कर्मियों की भी तैनाती की गई थी.इसके बावजूद, कुछ श्रद्धालुओं ने चेतावनी की अनदेखी की और निर्धारित सीमा से आगे चले गए, जिससे यह हादसा हुआ.प्रशासन की तत्परता का ही परिणाम था कि सूचना मिलते ही गोताखोरों की टीम और एनडीआरएफ तुरंत सक्रिय हो गई और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया गया.

जिला प्रशासन ने दिखाई तत्परता

स्थानीय गोताखोरों ने सोमवार शाम को ही एक शव को बाहर निकाल लिया था, फिर एनडीआरएफ की टीम ने मंगलवार सुबह पहले एक शव को बाहर निकाला था, लेकिन इसके बाद गहराई और तेज़ धारा के कारण बाकी एक शव को निकालना बेहद मुश्किल हो गया। कई घंटों की मशक्कत के बाद स्थानीय गोताखोरों की तरकीब काम आई, जिन्होंने अपनी समझदारी और अनुभव से शाम को प्रतीक यादव के शव को ढूंढकर बाहर निकाल लिया. इसके साथ ही तीनों शवों को बरामद कर लिया गया. चांडिल पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी विकास राय, चांडिल थाना प्रभारी दिलशन बिरुआ सहित पूरा पुलिस – प्रशासन टीम मौजूद रहे.

दो आदित्यपुर  के तो एक दिन डिमना का है निवासी

मृतकों की पहचान आदित्यपुर के संजय यादव, प्रतीक यादव और डिमना के आर्यन यादव के रूप में हुई है. तीनों की असमय मौत से पूरा इलाका शोक में है.घटना के बाद जिला प्रशासन ने समीक्षा कर सभी घाटों की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने के निर्देश दिए है.जिला प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि आने वाले समय में प्रशासन केवल चेतावनी देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जो लोग सुरक्षा नियमों की अनदेखी करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन का कहना है कि “आस्था का सम्मान करते हुए हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि किसी की जान खतरे में न पड़े.प्रशासन हर संभव कदम उठा रहा है, लेकिन जनता का सहयोग भी उतना ही जरूरी है.शहरबेड़ा घाट की यह घटना प्रशासन के लिए भी आत्ममंथन का अवसर बनी है.अब जिला प्रशासन और अधिक सतर्कता के साथ कार्य करेगा. घाटों पर स्थायी सुरक्षा घेराबंदी, अतिरिक्त रोशनी, प्रशिक्षित गोताखोरों की स्थायी टीम औरजन-जागरूकता अभियान को और सशक्त किया जाएगा.

रिपोर्ट-वीरेंद्र मंडल