धनबाद(DHANBAD) : धनबाद का चर्चित ताक़तवर घराना सिंह मेंशन गंगा की तरह पवित्र है और यह पवित्र ही रहेगा. कीचड़ फेंकने वाले हार जाएंगे, लेकिन सिंह मेंशन पर कोई दाग नहीं लगा पाएंगे. सिंह मेंशन  और रघुकुल की राहें अलग -अलग हो गई है और अब फिर से एक होने की दूर दूर तक कोई सम्भावना नहीं है.  यह कहना है भाजपा नेत्री व सिंह मेंशन की विरासत संभाल रही बहुरानी रागिनी सिंह का. चार विधायक देने वाले सिंह मेंशन परिवार की बहू रागिनी सिंह ने द न्यूज़ पोस्ट से खास बातचीत में कहा कि सिंह  मेंशन पर जब जब संकट आया ,बहुएं घर से निकलीं और कमान संभाली हैं.

छोटे छोटे दुकानदारों से की जा रही रंगदारी वसूली  

भाजपा नेत्री रागिनी सिंह ने कहा कि माता कुंती सिंह कहा करती थी कि सिंह मेंशन पर जब भी कोई संकट आता है, घर की बहुएं बाहर निकल कर संकट पर काबू पाती हैं. इसी मूलमंत्र को लेकर वह आगे चल  रही हैं और बताना चाहती है कि उनके पति  संजीव सिंह को जेल भेजवाने वाले के मनसूबे को वह कामयाब नहीं होने देंगी. उनके पति बेदाग होकर एक न एक दिन जेल से बाहर आएंगे. बकौल रागिनी  सिंह, सिंह मेंशन और रघुकुल की खाई बहुत गहरी हो गई है. ससुर सूर्यदेव सिंह के परिवार में रघुकुल में रहने वाले कैसे जन्म ले लिए ,यह सोचकर आश्चर्य होता है. अभी झरिया में विधायक फंड से चल रहे कार्यों पर उनकी टिपण्णी काफी तल्ख़ थी. कहा कि झरिया की जनता वर्तमान विधायक को चुनकर पछता रही है. जनता को भूल का अहसास हो गया है. झरिया के लोग पानी और बिजली के लिए त्राहि त्राहि कर रहे हैं. कोई उनकी सुनने वाला नहीं है. छोटे छोटे दुकानदारों ,कोयला ढोने वालो से 200 की रंगदारी ली जा रही है.

जनता के प्यार से अभिभूत

रागिनी ने कहा कि चुनाव में तो हार जीत होती रहती है. अच्छा -बुरा समय भी जाते रहता  हैं. एक बार संकट आया तो माता कुंती सिंह को झरिया के लोगो ने प्यार और दुलार दिया. अभी के संकट ने उन्हें घर से बहार कदम रखने को मजबूर किया. लेकिन झरिया के लोग जिस तरह उन्हें प्यार, आशीर्वाद दे रहे हैं ,यह उनके लिए और सिंह मेंशन  के लिए गर्व की बात है.

जानिए सिंह मेंशन के बारे में 

झरिया के पूर्व विधायक स्व.सूर्यदेव सिंह का परिवार धनबाद के सरायढेला स्थित 'सिंह मेंशन' में रहता है जबकि उनके छोटे भाई राजन सिंह का परिवार 'रघुकुल' में रहता है. रघुकुल की बहू और स्व. नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह अभी झरिया से विधायक है. उन्होंने अपने गोतिनी रागिनी सिंह को 2019 के झरिया विधानसभा चुनाव में हराया ,जो कि झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी है. पूर्व डिप्टी मेयर सह कांग्रेस नेता नीरज सिंह की हत्या के आरोप में फ़िलहाल झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह पिछ्ले चार वर्षों से जेल में है. वहीं रागिनी सिंह ने पहली बार किचन की दहलीज़ से बाहर निकलकर राजनीति के मैदान में उतरी. 2019 में जिला परिषद मैदान में आयोजित सभा मे पूर्व सीएम रघुवर दास और सांसद पीएन सिंह की मौजूदगी में रागिनी सिंह ने भाजपा पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. पति की अनुपस्थिति में झरिया से पहली बार चुनाव लड़ी व हार गई. बावजूद हिम्मत नहीं हारी और झरिया के हर मुद्दे पर लगातार मुखर हो कर आवाज़ उठा रही है. झरिया की जनता चुनाव में  देवरानी जेठानी की राजनीतिक लड़ाई देख चुकी है.


रिपोर्ट :अभिषेक कुमार,ब्यूरो हेड  (धनबाद)