रांची (RANCHI) : राज्य में एक बार फिर कुड़मी/कुरमी-महतो के अस्तित्व की लड़ाई गर्माती हुई नज़र आ रही है. मामल कुड़मी/को,,,,,कुरमी-महतो समुदाय को आदिवासी का दर्जा देने से जुड़ा है. ऐसे में एक ओर कुड़मी/कुरमी-महतो के लोग अपनी मांग पर अड़े हैं तो वहीं दूसरी ओर आदिवासी समुदाय के द्वारा इसका पुरजोर विरोध देखने को मिल रहा है. इसी मांग के विरोध में आज यानि की 14 सितंबर को राजधानी रांची में विशाल जनाक्रोश बाइक रैली निकाली गई. यह रैली मोरहाबादी मैदान से शुरू होकर अरगोड़ा चौक, बिरसा चौक, सुजाता चौक होते हुए अलबर्ट एक्का चौक तक निकाली गई है. जहां मुख्य रूप से केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की के नेतृत्व में यह रैली निकाली गई है.
आक्रोश रैली के दौरान अजय तिर्की ने कहा कि कुरमी-महतो समुदाय को किसी भी स्थिति में आदिवासी का दर्जा नहीं दिया जा सकता. उन्होंने स्पष्ट किया कि आदिवासी जन्म से होता है, न कि स्वार्थ के लिए बनाया जाता है. साथ ही उनका कहना था कि कुरमी-महतो समाज खुद को शिवाजी का वंशज बताते हैं, लेकिन सिर्फ राजनीतिक और आर्थिक लाभ के लिए अब आदिवासी दर्जे की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि यदि कुरमी-महतो समुदाय को आदिवासी सूची में शामिल किया गया तो इससे वास्तविक आदिवासी समाज के अधिकार और अवसर प्रभावित होंगे. उन्होंने इसे सरना धर्म, संस्कृति और परंपरा पर सीधा आघात करार दिया है. अजय तिर्की ने दावा किया कि इस विरोध रैली में हजारों लोग सरकार तक स्पष्ट संदेश पहुंचाएंगे कि आदिवासी समाज अपने अधिकारों और पहचान के साथ किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं करेगा. बता दें कि आज की इस बाइक रैली में हजारों की संख्या में आदिवासी युवा, महिला, बुजुर्ग और अन्य लोग शामिल हुए.
रिपोर्ट : संतोष सिंह
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