चाईबासा (CHAIBASA) : झारखंड सरकार की प्रत्यर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर, भाकपा (माओवादी) के सदस्यों ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है.

झारखंड पुलिस और सुरक्षा बलों की नक्सलियों के खिलाफ निरंतर सफलता ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. जब भाकपा (माओवादी) के दस सदस्यों ने गुरुवार को चाईबासा में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. झारखंड सरकार की प्रत्यर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर, इन नक्सलियों ने अपने हथियार डाल दिए. माना जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण आत्मसमर्पण से झारखंड, खासकर पश्चिमी सिंहभूम में माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा.

नक्सलियों का आत्मसमर्पण संगठन के लिए एक बड़ा झटका

नक्सलियों के इस आत्मसमर्पण को नक्सली संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. हाल ही में, एक कथित नक्सली अधिकारी ने दावा किया था कि संगठन अपने हथियार नहीं डालेगा. गौरतलब है कि नक्सली अभियान में पुलिस और सुरक्षा बलों को मिल रही लगातार सफलता और दबाव के चलते यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अपने अंतिम चरण में पहुँच चुके नक्सली संगठन हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की पेशकश स्वीकार कर सकते हैं. झारखंड पुलिस लगातार नक्सली गतिविधियों में शामिल लोगों से राज्य सरकार की प्रत्यर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील कर रही है.

2022 से चाईबासा पुलिस को लगातार सफलता

2022 से पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सलियों के खिलाफ सैकड़ों अभियान चलाए जा चुके हैं. पिछले तीन वर्षों में बड़ी संख्या में नक्सलियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. मुठभेड़ों में दस से ज़्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं. इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्री ज़ब्त करने में भी सफलता हासिल की है.

तीन वर्षों में 26 नक्सली मुख्यधारा में शामिल हुए

पिछले तीन वर्षों में पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए निरंतर अभियान और दबाव के परिणामस्वरूप, 26 नक्सली राज्य की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं.

ये नक्सली पश्चिमी सिंहभूम में सक्रिय रहे हैं

पिछले कुछ वर्षों से, प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो, केंद्रीय समिति के सदस्यों मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, असीम मंडल, सुशांत उर्फ ​​अनमोल, मेहनत उर्फ ​​मोचू, अजय महतो उर्फ ​​बुधराम, पिंटू लोहारा, अमित मुंडा, सालुका कायम और सागेन अंगरिया के नेतृत्व में पश्चिमी सिंहभूम (कोल्हान) क्षेत्र में सक्रिय है. इन नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए, झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर, कोबरा और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने संयुक्त अभियान दल बनाए हैं और लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहे हैं.

रिपोर्ट-संतोष वर्मा