धनबाद (DHANBAD) : परफॉर्मेंस रेटिंग में कोल इंडिया ने ओएनजीसी को भी पछाड़ दिया है. कोल इंडिया को एक्सीलेंट रेटिंग मिली है, जबकि ओएनजीसी को वेरी गुड का तमगा मिला है. कोल इंडिया की रेटिंग एक्सीलेंट होने से कोल इंडिया के अधिकारियों की अब निश्चित रूप से बल्ले बल्ले होगी. उन्हें बंपर पीआरपी मिल सकता है. सूत्रों के अनुसार 22-23 में कोल इंडिया की रेटिंग वेरी गुड थी, लेकिन इस बार रेटिंग में काफी बढ़ोतरी हुई है. इस वजह से उम्मीद की जा रही है कि कोल इंडिया के अधिकारियों को पीआरपी अधिक मिलेगा.  

कोयला अधिकारियो की रहेगी बल्ले-बल्ले 

कहा जा सकता है कि कोल इंडिया के अधिकारियों की बल्ले बल्ले रहेगी. कोल इंडिया की सहायक कंपनियों की रेटिंग भी एक्सीलेंट है. सिर्फ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पिछड़ गई है. ईसीएल की रेटिंग 57.53 है. और वह गुड के खाते में आई है. वहीं कोल इंडिया की रेटिंग 93.5 है, जबकि बीसीसीएल की रेटिंग 94.83 है. सीसीएल की रेटिंग 91.17 है, बीसीसीएल रेटिंग में दूसरे नंबर पर है, जबकि पहले नंबर पर सीएमपीडीआईएल  है.  

पीआरपी में कोल इंडिया और सहायक कंपनियों की रेटिंग का महत्वपूर्ण योगदान

बता दें कि कोयला अधिकारियों के पीआरपी में कोल इंडिया और सहायक कंपनियों की रेटिंग का महत्वपूर्ण योगदान होता है. सूत्रों के अनुसार एक्सीलेंट रेटिंग वाली कोयला कंपनियों के अधिकारियों को न्यूनतम ढाई लाख और अधिकतम 15 लाख  रुपए तक पीआरपी मिलने की संभावना बन रही है. देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया का परफॉर्मेंस बेहतर हुआ है. यह अलग बात है कि आउटसोर्सिंग कंपनियों की वजह से फिलहाल कोयला उत्पादन का ग्राफ बढ़ा है. कोल इंडिया भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन लगभग बंद कर रखा है. कई भूमिगत खदानों को प्राइवेट प्लेयर्स को दे दिया गया है. कुछ को आगे देने की योजना है.  प्रोडक्शन में सुधार से कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों की रेटिंग भी बढ़ी है और अधिकारी खुश दिख रहे है. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो