रांची (TNP Desk) : नाबालिग लड़की से अगर कोई भी व्यक्ति बहला फुसलाकर यौन संबंध बनाता है तो वह अब सावधान हो जाएं. क्योंकि ये भी अपराध की श्रेणी में आता है. इसके लिए आपको सजा भी हो सकती है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं यह कोर्ट का फैसला है. ऐसा ही मामला झारखंड हाई कोर्ट में आया था, जिसपर अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति से भी कोई यौन संबंध बनाता है तो उसे दोष मुक्त नहीं किया जा सकता है. यह एक अपराध है. यौन संबंध में नाबालिग की सहमति कोई मायने नहीं रखती है. क्योंकि वो भावनात्मक और बौद्धिक रूप से इतना परिपक्व नहीं है कि वह किसी व्यस्क के साथ यौन गतिविधियों के लिए उचित सहमति दे सके. किसी व्यस्क का किसी नाबालिग के साथ यौन संबंध बनाना हिंसक माना जाता है. क्योंकि इस स्थिति में उसका मानसिक संतुलन एक समान नहीं होता है.
आरोपी ने खूंटी सिविल कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
दरअसल, खूंटी जिला का है, जहां सिविल कोर्ट ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोप में आरोपी को दोषी करार दिया था. आरोपी ने सिविल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमें उसने कहा था कि हमने जबरन यौन संबंध नहीं बनाया था, बल्कि नाबालिग की सहमति से किया गया था. इसलिए यह यौन अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. अपील में युवक ने कहा कि पीड़िता ने अपनी उम्र छुपाई थी और सिविल कोर्ट ने इसपर ध्यान नहीं दिया था. जबकि हमने इसके बारे में जानकारी दी थी. अदालत ने बिना विचार किये ही फैसला सुना दिया. यह मामला 2005 का है.
झारखंड हाईकोर्ट ने क्या कहा ?
इस मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायामूर्ति गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नाबालिग की सहमति से यौन संबंध बनाने का मतलब यह नहीं है कि इसे अपराध नहीं माना जाए. नाबालिग की सहमति से भी यौन संबंध गैरकानूनी माना जायेगा. वह दोष मुक्त नहीं हो सकता है. हाईकोर्ट ने आरोपी की याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया.
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